नई दिल्ली : अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने मंगलवार को इजरायल को कड़ा संदेश देते हुए कहा कि वह ईरान से अपने पायलटों को तुरंत वापस बुला ले। यह बयान एक नाजुक युद्धविराम (सीजफायर) के बीच आया है, जो दोनों देशों के बीच हाल के मिसाइल हमलों के बाद टूटता दिख रहा है। रिपोर्ट के अनुसार, ट्रंप ने इजरायल पर दबाव बनाया है कि वह तनाव को कम करे, भले ही ईरान ने युद्धविराम का उल्लंघन करते हुए मिसाइल हमले किए हों।
सीएनएन के लाइव अपडेट्स के अनुसार, ईरान ने बीयर शेवा में मिसाइल हमला किया, जिसमें चार लोगों की मौत हुई। इसके जवाब में इजरायल ने ईरान के परमाणु और मिसाइल ठिकानों पर 40 लड़ाकू विमानों से हवाई हमले किए
रिपोर्ट के मुताबिक, ट्रंप ने पहले “शांति दूत” की भूमिका निभाई थी, लेकिन अब उन्होंने ईरान से “बिना शर्त आत्मसमर्पण” की मांग की है। दो सप्ताह की समयसीमा अब घटकर दो दिन रह गई है। इजरायल ने अराक रिएक्टर जैसे ठिकानों को निशाना बनाया, जहां परमाणु गतिविधियों में वृद्धि की खबरें हैं। इजरायली रक्षा बल (IDF) का दावा है कि ईरान 2015 के जेसीपीओए (संयुक्त व्यापक कार्ययोजना) का पालन नहीं कर रहा।
इस संघर्ष की शुरुआत जून 2025 में हुई, जब इजरायल ने ईरान के सैन्य ठिकानों पर बड़े पैमाने पर हमले किए, जिसमें शीर्ष सैन्य अधिकारी और वैज्ञानिक मारे गए। इसके जवाब में ईरान ने 400 से अधिक मिसाइलें दागीं, जिनमें से ज्यादातर इजरायली वायु रक्षा प्रणाली ने रोक लीं, लेकिन कुछ ने सैन्य और नागरिक क्षेत्रों को नुकसान पहुंचाया।
विश्लेषकों का मानना है कि ट्रंप का यह कदम मध्य पूर्व में शक्ति संतुलन को प्रभावित कर सकता है। हालांकि, ईरान और इजरायल के बीच तनाव कम करने के प्रयासों में यह चेतावनी कितनी कारगर होगी, यह आने वाले घंटों में साफ होगा। हम इस घटनाक्रम पर नजर बनाए हुए हैं और आपको अपडेट्स देते रहेंगे।