वाशिंगटन : अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा बताते हुए 12 देशों के नागरिकों के अमेरिका में प्रवेश पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया है। यह फैसला कोलोराडो के बोल्डर में हाल ही में हुए एक हमले के बाद लिया गया है, जिसमें एक मिस्री नागरिक ने प्रो-इजरायल प्रदर्शनकारियों पर हमला किया था। प्रतिबंधित देशों में अफगानिस्तान, चाड, कांगो, इरीट्रिया, हैती, ईरान, लीबिया, म्यांमार, सोमालिया, सूडान, यमन और एक अन्य देश शामिल हैं।
2 जून 2025 को बोल्डर, कोलोराडो के एक पार्क में ‘रन फॉर देयर लाइव्स’ समूह, जो गाजा में हमास द्वारा बंधक बनाए गए इजरायली नागरिकों की रिहाई की मांग कर रहा था, पर हमला हुआ। हमलावर, मोहम्मद सबरी सोलिमन, मिस्र का नागरिक था, जो 2022 में टूरिस्ट वीजा पर अमेरिका आया था। उसने प्रदर्शनकारियों पर फायरबॉम्ब से हमला किया, जिसमें कई लोग घायल हुए। सोलिमन को मौके पर गिरफ्तार कर लिया गया और उस पर हत्या का प्रयास, हमला, और नफरत अपराध सहित कई आरोप लगाए गए हैं। जांच में उसने इजरायल विरोधी विचारधारा की बात कबूल की, जिसने अमेरिका में सुरक्षा और यहूदी-विरोधी घटनाओं को लेकर चिंता बढ़ा दी है।
राष्ट्रपति ट्रंप ने एक वीडियो बयान में कहा, “21वीं सदी में हमने एक के बाद एक आतंकी हमले देखे हैं, जो विदेशी वीजा धारकों द्वारा किए गए। कोलोराडो हमला इस बात का सबूत है कि हमें सख्त कदम उठाने की जरूरत है।” व्हाइट हाउस ने कहा कि ये देश उचित जांच और वेटिंग प्रक्रिया में असमर्थ हैं, जिसके चलते राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा है। हालांकि, आलोचकों ने इस बात पर सवाल उठाया कि मिस्र, जहां से हमलावर आया था, इस सूची में शामिल नहीं है।
प्रतिबंध में शामिल देश हैं: अफगानिस्तान, चाड, कांगो, इरीट्रिया, हैती, ईरान, लीबिया, म्यांमार, सोमालिया, सूडान, और यमन। एक अन्य देश का नाम स्पष्ट नहीं किया गया है। यह प्रतिबंध 9 जून 2025 से प्रभावी होगा, जैसा कि व्हाइट हाउस की घोषणा में बताया गया। इसके अलावा, बुरुंडी, क्यूबा, लाओस, सिएरा लियोन, टोगो, तुर्कमेनिस्तान और वेनेजुएला जैसे देशों पर आंशिक प्रतिबंध लगाया गया है।
इस फैसले की तीखी आलोचना हो रही है। कई संगठनों का कहना है कि यह प्रतिबंध भेदभावपूर्ण है और उन देशों को निशाना बनाता है जो पहले से ही संकट का सामना कर रहे हैं, जैसे हैती। एनपीआर की एक रिपोर्ट के मुताबिक, पहले भी ट्रंप के इस तरह के ट्रैवल बैन को लेकर हवाई अड्डों पर अफरा-तफरी और देशव्यापी विरोध प्रदर्शन देखे गए थे। आलोचकों का यह भी कहना है कि प्रतिबंध में शामिल देशों का चयन हमले के वास्तविक स्रोत से मेल नहीं खाता, क्योंकि हमलावर मिस्र से था, जो सूची में नहीं है।
एंटी-डिफेमेशन लीग (एडीएल) की 2023 की एक रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिका में यहूदी-विरोधी घटनाओं में रिकॉर्ड बढ़ोतरी हुई है। 2022 में ऐसी घटनाओं में 36% की वृद्धि दर्ज की गई, जिसमें उत्पीड़न, हमले और प्रोपेगेंडा शामिल हैं। कोलोराडो हमले ने इस चिंता को और गहरा कर दिया है।
यह प्रतिबंध वैश्विक स्तर पर अमेरिका के संबंधों को प्रभावित कर सकता है, खासकर उन देशों के साथ जो पहले से ही तनावपूर्ण स्थिति में हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि यह कदम अमेरिका में आप्रवास नीतियों पर बहस को और तेज करेगा। इस बीच, कोलोराडो हमले की जांच जारी है, और सोलिमन के खिलाफ सुनवाई जल्द शुरू होने वाली है।