मुख्य सचिव अमृत लाल मीणा की अध्यक्षता में गुरुवार को आयोजित जल संसाधन तथा पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के अधिकारियों की एक महत्वपूर्ण बैठक में जल संसाधन विभाग के प्रधान सचिव श्री संतोष कुमार मल्ल सहित दोनों विभागों के कई वरीय अधिकारी शामिल हुए। इसमें जल संसाधन विभाग की तीन महत्वपूर्ण योजनाओं की अद्यतन प्रगति के साथ-साथ इसमें वन विभाग से जरूरी सहयोग प्राप्त करने के मुद्दे पर विस्तृत चर्चा हुई।
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बैठक में जल संसाधन विभाग के वरीय अधिकारियों द्वारा प्रेजेंटेशन के माध्यम से जानकारी दी गई कि जल-जीवन-हरियाली अभियान के तहत सतही जल का उपयोग करते हुए भभुआ और मोहनिया शहरों में पेयजल उपलब्ध कराने की विभाग की महत्वाकांक्षी योजना का कार्य प्रगति पर है। इसमें दुर्गावती जलाशय में फ्लोटिंग बार्ज, 35 एमएलडी क्षमता के जल शोधन संयंत्र, एक अंडरग्राउंड रिजर्वायर और एक पंप हाउस का निर्माण तथा भभुआ और मोहनिया शहरों तक पाइपलाइन बिछाया जाना है।
विभाग द्वारा इस कार्य के दायरे में आने वाले कुछ वृक्षों की सुरक्षा योजना तैयार कर समर्पित की गई है, जिस पर वन विभाग से सहयोग की अपेक्षा है। साथ ही परिवेश पोर्टल पर अनुरोध किए गए इन्वाइरन्मेनल क्लीरन्स के मामलों पर विस्तृत समीक्षा की गई। इस संदर्भ में मुख्य सचिव ने निर्देश दिया कि जल संसाधन विभाग और पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के पदाधिकारी आपसी समन्वय स्थापित करते हुए इस समस्या का शीघ्र निराकरण कराएं और योजना के कार्यों को निर्धारित समय पर पूर्ण कराना सुनिश्चित करें।
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इसी तरह जल संसाधन विभाग की बरनार जलाशय योजना के तहत जमुई जिले के सोनो प्रखंड में किउल नदी की सहायक बरनार नदी पर कटहराटांड़ ग्राम के निकट कंक्रीट डैम और नहरों का निर्माण किया जाना है। इस योजना से जमुई जिले के सोनो, झाझा, खैरा और गिद्धौर प्रखंडों के किसान लाभान्वित होंगे। बैठक में जल संसाधन विभाग के अधिकारियों ने जानकारी दी कि इसयोजना की संरचनाओं के निर्माण के लिए कुछ वन भूमि और कुछ गैर वन भूमि के हस्तांतरण/ अपयोजन का प्रस्ताव है।
मुख्य सचिव द्वारा निदेशित किया गया की दोनों विभागों के पदाधिकारी योजना के लिए वांछित भूमि के संबंध में आवश्यक कार्रवाई शीघ्र पूर्ण कराएं, ताकि योजना को ससमय पूर्ण किया जा सके। बैठक में विडियो कॉन्फ्रेसिंग के माध्यम से जुड़ी जिला पदाधिकारी, जमुई द्वारा वन भूमि अपयोजन से संबंधित मामलों के निराकरण के संबंध में अद्यतन स्थिति की जानकारी दी गई।
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बैठक में जल संसाधन विभाग की सिंधवारणी जलाशय योजना पर भी चर्चा हुई, जिसके तहत मुंगेर जिले में खड़गपुर झील के अपस्ट्रीम में सिंधवारणी और मान नदियों के संगम स्थल पर गेटेड वीयर का निर्माण और 9.66 किलोमीटर लंबी नहर प्रणाली का पुनर्स्थापन कार्य किया जाना है। इस योजना से मुंगेर जिले के हवेली खड़गपुर प्रखंड के किसान लाभान्वित होंगे।
जल संसाधन विभाग के अधिकारियों द्वारा बताया गया कि इस योजना के तहत गेटेड वीयर के निर्माण के लिए वन भूमि के अपयोजन की कार्रवाई प्रक्रियाधीन है। इस संदर्भ में मुख्य सचिव द्वारा निदेशित किया गया की पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा उठाये गये बिंदुओं का शीघ्र निराकरण करते हुए, योजना के लिए वांछित वन भूमि के अपयोजन की कार्रवाई पूर्ण कराएं।