बिहार में एक अजीबोगरीब घटना सामने आई है, जहां विशेष बिहार सशस्त्र पुलिस (BSAP) के कमांडेंट और पूर्व जहानाबाद एसपी दीपक रंजन को उनके ही ड्राइवर और बॉडीगार्ड पेट्रोल पंप पर छोड़कर गाड़ी समेत आगे निकल गए। यह घटना तब हुई जब दीपक रंजन पटना से बोधगया लौट रहे थे।
जानकारी के अनुसार, टेहटा (जहानाबाद) स्थित एक पेट्रोल पंप पर अधिकारी कुछ समय के लिए फ्रेश होने रुके थे। उनके साथ मौजूद ड्राइवर प्रदीप कुमार और दोनों बॉडीगार्ड भी वाहन से उतरे। लेकिन जब अधिकारी लौटे, तो गाड़ी वहां नहीं थी। बताया जा रहा है कि गाड़ी में अधिकारी का मोबाइल फोन और अन्य सामान भी छूट गया था।
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अंधेरे में अकेले रह गए अधिकारी ने करीब डेढ़ किलोमीटर पैदल चलकर टेहटा थाना पहुंच कर स्थिति की जानकारी दी। इसके बाद स्थानीय पुलिस की मदद से उन्हें गयाजी भेजा गया। इस घटना के बाद बीएसएपी ने तत्काल कार्रवाई करते हुए चालक और दोनों बॉडीगार्ड को निलंबित कर दिया है और विभागीय जांच भी शुरू कर दी गई है।
हालांकि, पूरे मामले को लेकर दीपक रंजन ने इसे एक “मामूली घटना” बताते हुए कहा कि “यह एक माइनर घटना है। बाद में गाड़ी वापस लौट आई थी। इसे सनसनीखेज तरीके से न लें। निलंबन एक सामान्य प्रशासनिक प्रक्रिया है।” बावजूद इसके, यह घटना सुरक्षा मानकों और अनुशासन पर गंभीर सवाल खड़े करती है। यह और भी उल्लेखनीय है कि दीपक रंजन जहानाबाद के निवर्तमान एसपी भी रहे हैं और क्षेत्र को भलीभांति जानते हैं, वरना हालात और जटिल हो सकते थे।