बिहार विधानसभा आम निर्वाचन 2025 की तैयारियों के तहत इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों (EVM) की फर्स्ट लेवल चेकिंग (FLC) की प्रक्रिया 2 मई से राज्यभर में शुरू हो गई है। यह कार्य राज्य के सभी 38 जिलों में चरणबद्ध तरीके से 30 जून 2025 तक संपन्न किया जाएगा। इस प्रक्रिया का संचालन इलेक्ट्रॉनिक्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (ECIL) की 13 विशेषज्ञ टीमों द्वारा किया जा रहा है, जिनमें कुल 189 इंजीनियर तैनात किए गए हैं। पहले चरण में एफएलसी की शुरुआत 13 जिलों- किशनगंज, सहरसा, पूर्णिया, बांका, दरभंगा, नालंदा, बेगूसराय, गया, पूर्वी चंपारण, सारण, सिवान, पटना और सीतामढ़ी में की गई है।
एफएलसी प्रक्रिया को पारदर्शी और निष्पक्ष बनाए रखने के लिए चुनाव आयोग ने कई सख्त कदम उठाए हैं। सभी मान्यता प्राप्त राष्ट्रीय और राज्य स्तरीय राजनीतिक दलों को एफएलसी शेड्यूल की जानकारी दो दिन पहले ही उपलब्ध कराई जा रही है, जिससे उनके प्राधिकृत प्रतिनिधि निरीक्षण में भाग ले सकें। केवल अधिकृत प्रतिनिधियों को ही जिला निर्वाचन पदाधिकारी द्वारा जारी पहचान-पत्र के साथ एफएलसी स्थलों पर आने की अनुमति होगी।
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सुरक्षा व्यवस्था के तहत एफएलसी स्थलों पर सशस्त्र बलों की तैनाती, मेटल डिटेक्टर जांच, और सीसीटीवी कैमरों के जरिए निगरानी की जा रही है। किसी भी गैर-प्राधिकृत व्यक्ति को प्रवेश की अनुमति नहीं है, और इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के इस्तेमाल पर पूरी तरह रोक लगाई गई है।
हर जिले में एफएलसी प्रक्रिया की वेबकास्टिंग के माध्यम से रियल-टाइम मॉनिटरिंग की जा रही है। जिला निर्वाचन पदाधिकारी स्वयं रोजाना एफएलसी स्थलों का निरीक्षण करेंगे, और प्रक्रिया की कड़ी निगरानी रखी जाएगी। एफएलसी प्रक्रिया के पूरा होने के बाद, जांच में पास की गई मशीनों की सूची सभी मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों के साथ साझा की जाएगी, जिससे ईवीएम की पारदर्शिता और विश्वसनीयता को लेकर किसी भी प्रकार की शंका को दूर किया जा सके।