ECINET Bihar Election 2025: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के मद्देनजर चुनाव आयोग ने एक ऐतिहासिक पहल की है। आयोग ने ECINET (ईसीआईनेट) नामक एक यूनिफाइड डिजिटल प्लेटफॉर्म लॉन्च किया है, जो एक ही इंटरफेस पर 40 से अधिक चुनावी सेवाएं उपलब्ध कराएगा। इस ऐप और पोर्टल के जरिए मतदाता, उम्मीदवार और अधिकारी सभी एकीकृत सिस्टम से जुड़ सकेंगे। मतदान 6 और 11 नवंबर को दो चरणों में होगा, जबकि मतगणना 14 नवंबर को की जाएगी। इस बीच ECINET को डिजिटल चुनावी सुधार की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है।
ECINET से बदलेगा चुनाव का अनुभव
चुनाव आयोग ने ECINET को “वन नेशन, वन इलेक्शन प्लेटफॉर्म” की भावना के तहत तैयार किया है। पहले जहां मतदाता या राजनीतिक दलों को अलग-अलग वेबसाइटों और ऐप्स पर लॉगिन करना पड़ता था, वहीं अब सारी सेवाएं एक ही पोर्टल पर मिलेंगी। मुख्य निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार के अनुसार, यह प्लेटफॉर्म चुनावी प्रक्रिया को न केवल तेज बल्कि पारदर्शी भी बनाएगा। ECINET से अब बार-बार ऑथेंटिकेशन की आवश्यकता नहीं होगी और सारा डेटा एक केंद्रीकृत डैशबोर्ड पर उपलब्ध रहेगा। आयोग का कहना है कि इससे डेटा मैनेजमेंट आसान होगा और तकनीकी त्रुटियों में कमी आएगी।
क्या है ECINET और कैसे करें उपयोग
ECINET एक समग्र डिजिटल प्लेटफॉर्म है जो चुनावी कार्यों से जुड़ी हर सेवा को एकीकृत करता है। इसे उपयोग करने के लिए नागरिक https://ecinet.eci.gov.in पर लॉगिन कर सकते हैं या मोबाइल यूजर्स इसे Google Play Store और Apple App Store से डाउनलोड कर सकते हैं। बिहार विधानसभा चुनाव को देखते हुए आयोग ने मतदाताओं से अपील की है कि वे इस ऐप का उपयोग कर अपने वोटर कार्ड, शिकायतें या नाम सुधार जैसी सेवाएं ऑनलाइन ही करें।
मतदाताओं के लिए क्या सुविधाएं देगा ECINET
इस प्लेटफॉर्म पर वोटर रजिस्ट्रेशन, ई-वोटर कार्ड डाउनलोड, शिकायत निवारण, उम्मीदवार की प्रोफाइल देखने और रियल-टाइम चुनावी डेटा जैसे कई फीचर शामिल हैं। अब किसी को अपने वोटर कार्ड में सुधार कराने या नया कार्ड बनवाने के लिए अलग वेबसाइट पर जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। सबसे खास बात यह है कि मतदान से 10 दिन पहले तक भी मतदाता सूची में नाम जुड़वाने की सुविधा उपलब्ध रहेगी।
बिहार में डिजिटल पारदर्शिता की नई शुरुआत
चुनाव आयोग का मानना है कि ECINET बिहार के आगामी चुनावों को तकनीकी रूप से अधिक पारदर्शी और प्रभावी बनाएगा। इस प्लेटफॉर्म के माध्यम से जहां मतदाताओं को सुविधा मिलेगी, वहीं चुनाव अधिकारियों को भी मॉनिटरिंग और रिपोर्टिंग में आसानी होगी।






















