नई दिल्ली: कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा के पति और जाने-माने व्यवसायी रॉबर्ट वाड्रा को प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने 2008 के हरियाणा भूमि सौदे मामले में पूछताछ के लिए समन जारी किया है। यह कार्रवाई कांग्रेस सरकार के कार्यकाल के दौरान कथित अनियमितताओं और मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों के सिलसिले में की गई है।
इस मामले में ED की जांच DLF के साथ वाड्रा की कंपनी स्काईलाइट होस्पिटैलिटी के बीच हुए एक बड़े भूमि सौदे पर केंद्रित है, जहां कथित तौर पर बाजार से नीचे की दरों पर जमीन खरीदी गई और बाद में इसे ऊंची कीमत पर बेचा गया। हरियाणा पुलिस ने 2018 में इस सौदे में कथित उल्लंघनों के लिए मामला दर्ज किया था, जिसके बाद ED ने मनी लॉन्ड्रिंग के पहलू की जांच शुरू की।
रॉबर्ट वाड्रा ने इससे पहले भी कई बार ED और अन्य जांच एजेंसियों के समक्ष पेश होकर अपना पक्ष रखा है। इस बार का समन राजनीतिक और कानूनी गलियारों में काफी चर्चा का विषय बन गया है, क्योंकि यह कांग्रेस पार्टी और वाड्रा परिवार के खिलाफ चल रही जांचों की एक कड़ी है।
वाड्रा ने इससे पहले भी कई बार कहा है कि ये जांचें राजनीतिक प्रेरणा से प्रेरित हैं और उनका कोई गलत इरादा नहीं था। हालांकि, ED का दावा है कि इन सौदों में वित्तीय अनियमितताओं और मनी लॉन्ड्रिंग के सबूत मिले हैं, जिसकी गहन जांच की जा रही है।
इस घटनाक्रम को देखते हुए, राजनीतिक दलों के बीच बयानबाजी भी शुरू हो गई है, जहां विपक्षी दल इसे राजनीतिक बदले की कार्रवाई बता रहे हैं, जबकि सत्ताधारी दल जांच की प्रक्रिया को पारदर्शी और कानून के मुताबिक बता रहे हैं।
रॉबर्ट वाड्रा की ओर से अभी तक इस समन पर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, लेकिन उनके करीबी सूत्रों का कहना है कि वे पूछताछ के लिए पेश होंगे और अपना पक्ष स्पष्ट करेंगे।
यह मामला न केवल वाड्रा परिवार बल्कि भारतीय राजनीति और कारोबारी दुनिया में भी काफी महत्व रखता है, क्योंकि इससे भूमि सौदों और मनी लॉन्ड्रिंग के खिलाफ जांच की दिशा और गहराई का पता चलता है।