बिहार में आरक्षण की सीमा 65 फीसदी तक बढ़ाने की मांग को लेकर सियासत गरमा गई है। नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने एक बार फिर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और एनडीए गठबंधन के अन्य नेताओं पर निशाना साधा है। तेजस्वी ने 5 जून को मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर आरक्षण सीमा को संविधान की 9वीं अनुसूची में शामिल करने की मांग की थी, लेकिन अब तक कोई जवाब नहीं मिला। तेजस्वी यादव ने जवाब न मिलने पर फिर से एक्स पर पोस्ट लिखकर एनडीए सरकार पर निशाना साधा है।
पक्का पुल की मांग को लेकर होने लगी नारेबाजी.. बिना भाषण दिए लौट गये चिराग पासवान
तेजस्वी यादव ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर अपनी पोस्ट में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान, जीतन राम मांझी और उपेंद्र कुशवाहा पर सवाल खड़े किए। उन्होंने लिखा कि क्या नीतीश जी ने मेरे पत्र का जवाब इसलिए नहीं दिया क्योंकि उनके पास जवाब नहीं है अथवा वो आदतन ऐसा करते है या अधिकारी उन्हें पत्र दिखाते नहीं है?
सामाजिक न्याय का ढोल पीटने वाले ऐसे दल जिनके बलबूते मोदी सरकार चल रही है वो हमारी सरकार द्वारा बढ़ाई गयी 65% आरक्षण सीमा को संविधान की 9वीं अनुसूची में शामिल कराने में असफल क्यों है? मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार, केंद्रीय मंत्री श्री चिराग पासवान, श्री जीतनराम मांझी, श्री उपेंद्र कुशवाहा को दलित,आदिवासी, पिछड़ा-अतिपिछड़ा वर्गों की इस हकमारी के खिलाफ आरक्षण पर मुँह खोलना चाहिए। सिर्फ़ कुर्सी से चिपके रहने के लिए राजनीति नहीं होती है।
अगर प्रधानमंत्री से ये सब लोग इस छोटी सी मांग को भी पूरा नहीं करा सकते है तो इनका अपनी राजनीति एवं ऐसे गठबंधन में रहना धिक्कार है। अगर नीतीश जी, प्रधानमंत्री और गृहमंत्री के सामने इस विषय पर कुछ बोलने में असमर्थ है तो उन्हें विधानसभा का एक दिन का विशेष सत्र बुलाना चाहिए फिर देखिए कैसे हम इसे लागू कराते है।