बिहार में विधानसभा चुनाव से पहले राज्य के बिजली उपभोक्ताओं के लिए एक बड़ी राहत की खबर आई है। राज्य सरकार ने बिजली के दाम में 15 पैसे प्रति यूनिट की कटौती की है। ऊर्जा मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव ने विधानसभा में यह जानकारी दी और बताया कि यह कटौती बिजली कंपनियों द्वारा की गई है। विपक्ष द्वारा चुनावी साल में मुफ्त बिजली की मांग किए जाने के बीच यह कदम महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
मंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि विपक्ष, खासकर राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी), ने वादा किया था कि अगर उनकी सरकार बनती है तो 200 यूनिट तक बिजली मुफ्त दी जाएगी। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए ऊर्जा मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार किसानों को सस्ती बिजली देने के लिए पूरी तरह से तैयार है और उन्हें सिंचाई के लिए 92% तक की छूट मिल रही है। यह छूट किसानों के लिए बेहद फायदेमंद है, क्योंकि उन्हें केवल 55 पैसे प्रति यूनिट की दर पर बिजली मिल रही है, जो डीजल के दाम से लगभग 10 गुना कम है।
बिजेंद्र प्रसाद यादव ने आगे जानकारी दी कि राज्य में अब तक 2274 कृषि फीडर बन चुके हैं और 5.81 लाख किसानों को मुफ्त बिजली कनेक्शन मिल चुका है। सरकार का लक्ष्य है कि सितंबर 2026 तक 8.40 लाख किसानों को बिजली कनेक्शन प्रदान किया जाए। यह कदम राज्य में कृषि क्षेत्र को बढ़ावा देने और किसानों की स्थिति को सुधारने की दिशा में महत्वपूर्ण है।
मंत्री ने यह भी बताया कि बिहार में बिजली उपभोक्ताओं की संख्या में अभूतपूर्व वृद्धि हुई है। 2005 में राज्य में केवल 17 लाख बिजली उपभोक्ता थे, जो अब बढ़कर 2.12 करोड़ हो गए हैं। यानी पिछले 20 सालों में बिजली उपभोक्ताओं की संख्या 12 गुना बढ़ चुकी है। इसके साथ ही राज्य सरकार बिजली उपभोक्ताओं को सस्ती बिजली प्रदान करने के लिए 15,343 करोड़ रुपये की सब्सिडी भी दे रही है। यह सब्सिडी सरकार के सस्ती और सुलभ बिजली मुहैया कराने के प्रयासों को दर्शाती है।