नयी दिल्ली: केंद्रीय सूचना प्रौद्योगिकी और इलेक्ट्रॉनिक्स मंत्री अश्विनी वैष्णव ने मंगलवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में भारत के इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्र में ल्लेखनीय प्रगति की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि देश में इलेक्ट्रॉनिक्स निर्यात में पिछले कुछ वर्षों में 6 गुना से अधिक की वृद्धि दर्ज की गई है। इस दौरान उत्पादन में 17% से अधिक और निर्यात में 20% से अधिक की चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर (CAGR) हासिल की गई है। मंत्री ने कहा, “थोड़े समय के भीतर इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्र का पारिस्थितिकी तंत्र काफी मजबूत हुआ है।
आज देश में 400 से अधिक विनिर्माण इकाइयां स्थापित हो चुकी हैं, जो इस क्षेत्र में भारत की बढ़ती ताकत को दर्शाती हैं।” उन्होंने इस सफलता का श्रेय केंद्र सरकार की पहलों जैसे ‘मेक इन इंडिया’ और ‘डिजिटल इंडिया’ को दिया, जिन्होंने घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इससे पहले, 15 मार्च 2025 को चेन्नई में जेटवर्क इलेक्ट्रॉनिक्स के उद्घाटन के दौरान भी अश्विनी वैष्णव ने इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्र की उपलब्धियों पर प्रकाश डाला था।
उन्होंने कहा था कि इलेक्ट्रॉनिक्स भारत का दूसरा सबसे बड़ा निर्यात क्षेत्र बन गया है, जिसने एक दशक के भीतर कई पारंपरिक उद्योगों को पीछे छोड़ दिया है। इस प्रगति को उन्होंने केंद्र और राज्य सरकारों के बीच बेहतर समन्वय और केंद्रित नीतियों का परिणाम बताया। भारत सरकार का लक्ष्य 2025-26 तक इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पादन को 520 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंचाने का है, जिसमें से 120 बिलियन अमेरिकी डॉलर का निर्यात शामिल होगा। इस दिशा में तेजी से कदम बढ़ाते हुए भारत वैश्विक इलेक्ट्रॉनिक्स आपूर्ति श्रृंखला में अपनी हिस्सेदारी को 1-2% से बढ़ाकर 9-10% करने की ओर अग्रसर है।