श्रीनगर: नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) के अध्यक्ष और लोकसभा सांसद फारूक अब्दुल्ला ने वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2024 का कड़ा विरोध करते हुए इसे संविधान के खिलाफ करार दिया है। श्रीनगर में पत्रकारों से बातचीत करते हुए अब्दुल्ला ने कहा, “इसमें कोई शक नहीं कि हम वक्फ बिल के खिलाफ हैं। हमें लगता है कि यह विधेयक गलत है और संविधान का उल्लंघन करता है।” गौरतलब है कि यह विधेयक 6 अप्रैल 2025 को संसद में पारित हो चुका है। इसका उद्देश्य मुस्लिम समुदाय द्वारा दान की गई अरबों रुपये की वक्फ संपत्तियों के बेहतर और पारदर्शी प्रबंधन को सुनिश्चित करना बताया गया है। हालांकि, विपक्षी दलों और मुस्लिम नेताओं का आरोप है कि इस विधेयक के ज़रिए सरकार वक्फ बोर्डों पर अपना नियंत्रण बढ़ाना चाहती है।
फारूक अब्दुल्ला ने जम्मू-कश्मीर में इस विधेयक के खिलाफ हो रहे व्यापक विरोध प्रदर्शनों की भी बात की और कहा कि यह सिर्फ एक धार्मिक मसला नहीं, बल्कि संवैधानिक अधिकारों का सवाल है। उन्होंने चेताया कि इस कानून से धार्मिक स्वतंत्रता को खतरा हो सकता है। इससे पहले जम्मू-कश्मीर विधानसभा के स्पीकर अब्दुल रहीम राठेर भी इस विधेयक को संविधान के अनुच्छेद 25 — जो धार्मिक स्वतंत्रता की गारंटी देता है — के खिलाफ बता चुके हैं। विवाद उस समय और गहरा गया जब तमिलनाडु सरकार ने इस विधेयक के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की और विधानसभा में इसके विरोध में प्रस्ताव पारित किया। इसका असर अब जम्मू-कश्मीर की राजनीति में भी दिखाई देने लगा है।
फारूक अब्दुल्ला ने सभी राजनीतिक और धार्मिक संगठनों से एकजुट होकर इस विधेयक का विरोध करने की अपील की है। राजनीतिक जानकारों का मानना है कि आने वाले दिनों में इस मुद्दे पर देशभर में सियासी हलचल और तेज हो सकती है।