जम्मू : जम्मू-कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस (JKNC) के प्रमुख फारूक अब्दुल्ला ने मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अपना पूर्ण समर्थन देने की बात कही। यह बयान उस समय आया है, जब पीएम मोदी ने जम्मू में रक्षा मंत्री, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA), चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) और तीनों सेना प्रमुखों के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक की। यह बैठक हाल के पहलगाम आतंकी हमले और भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के मद्देनजर बुलाई गई थी।
जम्मू के एक व्यस्त बाजार में माइक्रोफोन से घिरे फारूक अब्दुल्ला ने पत्रकारों से कहा, “हमने प्रधानमंत्री को अपना पूरा समर्थन दिया है… पीएम को जो करना है, वह करें।” उन्होंने पाकिस्तान की ओर से हाल ही में दी गई परमाणु धमकी पर भी कड़ा रुख अपनाया। पाकिस्तान के मंत्री हनीफ अब्बासी ने 27 अप्रैल को कहा था कि उनके पास 130 परमाणु हथियार भारत के खिलाफ तैयार हैं। इस पर अब्दुल्ला ने जवाब दिया, “हमारे पास भी परमाणु शक्ति है। जब मैं 1998 में तत्कालीन पीएम वाजपेयी जी के साथ पोखरण गया था, तब हमने साफ कहा था कि हम इसका इस्तेमाल तभी करेंगे, जब कोई हम पर पहले हमला करेगा। भारत ने कभी पहले हमला नहीं किया, हमने हमेशा जवाबी कार्रवाई की है। आज भी हम परमाणु हथियार पहले इस्तेमाल नहीं करेंगे। लेकिन अगर वे (पाकिस्तान) ऐसा करना चाहते हैं, तो हमारे पास भी जवाब देने की ताकत है। लेकिन ऐसा नहीं होना चाहिए।”
पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले, जिसमें 26 पर्यटकों की जान गई, के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव चरम पर पहुंच गया है। भारत ने इस हमले के लिए पाकिस्तान समर्थित आतंकी समूहों को जिम्मेदार ठहराया और जवाब में इंडस वाटर ट्रीटी को निलंबित कर दिया। पाकिस्तान ने इसे ‘युद्ध की घोषणा’ करार देते हुए परमाणु धमकी दी है। अब्दुल्ला का यह बयान भारत की परमाणु नीति ‘नो फर्स्ट यूज’ को रेखांकित करता है, जो 1998 के पोखरण-II परमाणु परीक्षणों के बाद से देश की रणनीति का हिस्सा रही है।
इस बीच, भारत ने सुरक्षा उपायों को सख्त कर दिया है, और अंतरराष्ट्रीय मंचों पर इस मुद्दे को जोर-शोर से उठाया जा रहा है। अब्दुल्ला का बयान राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दे पर राजनीतिक एकता को दर्शाता है, साथ ही क्षेत्र में शांति बनाए रखने की अपील करता है