जम्मू: जम्मू-कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस (JKNC) के प्रमुख फारूक अब्दुल्ला ने पहलगाम में हाल ही में हुए आतंकी हमले को लेकर पाकिस्तान पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने कहा कि इस तरह की कायराना हरकतों से कश्मीरी डरने वाले नहीं हैं और न ही वे पाकिस्तान के साथ जाएंगे। अब्दुल्ला ने साफ शब्दों में कहा, “हम उनकी (पाकिस्तान) इस गलतफहमी को दूर करना चाहते हैं कि इन हरकतों से हम पाकिस्तान चले जाएंगे। हम जब 1947 में उनके साथ नहीं गए, तो आज क्यों जाएंगे?”
पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले में 26 पर्यटकों की जान चली गई थी, जिसे 2019 के पुलवामा हमले के बाद घाटी में सबसे घातक हमलों में से एक माना जा रहा है। इस हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान पर सीमा पार आतंकवाद को समर्थन देने का आरोप लगाते हुए सख्त कदम उठाए हैं, जिसमें पाकिस्तानी नागरिकों के वीजा रद्द करना और सुरक्षा प्रोटोकॉल को कड़ा करना शामिल है।
अब्दुल्ला ने दो राष्ट्र सिद्धांत को भी खारिज करते हुए कहा, “हम दो राष्ट्र सिद्धांत को आज भी मानने के लिए तैयार नहीं हैं। इन हमलों से हम कमजोर नहीं, बल्कि और मजबूत हो रहे हैं।” उन्होंने बातचीत की संभावनाओं पर भी सवाल उठाए और कहा, “मैं पहले हमेशा चाहता था कि बातचीत हो, मगर हम उन पीड़ितों के परिवारों से क्या कहेंगे कि हम बातचीत कर रहे हैं? क्या बातचीत करना इंसाफ है?”
इस बीच, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने हमले की “निष्पक्ष जांच” में सहयोग की बात कही है, लेकिन भारत ने इसे खारिज करते हुए कहा है कि पाकिस्तान का आतंकवाद को समर्थन देने का इतिहास रहा है। जम्मू-कश्मीर में हमले के बाद सुरक्षा बलों ने बड़े पैमाने पर कार्रवाई शुरू की है, जिसमें 14 स्थानीय आतंकियों की पहचान की गई है जो पाकिस्तानी आतंकियों को लॉजिस्टिक और खुफिया जानकारी मुहैया करा रहे थे।
पहलगाम हमले के बाद लंदन में भारतीय समुदाय और प्रवासियों ने पाकिस्तान उच्चायोग के बाहर प्रदर्शन किया, जिसमें उन्होंने हमले की निंदा करते हुए पीड़ितों के लिए इंसाफ की मांग की। दूसरी ओर, 25-26 अप्रैल की रात को नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर पाकिस्तानी सेना ने कई जगहों पर अकारण गोलीबारी की, जिसका भारतीय सेना ने मुंहतोड़ जवाब दिया। इस घटना में भारतीय पक्ष को कोई नुकसान नहीं हुआ।
जम्मू-कश्मीर के उपमुख्यमंत्री सुरिंदर चौधरी ने भी पहलगाम हमले की निंदा करते हुए एक प्रस्ताव पेश किया और केंद्र सरकार के कूटनीतिक कदमों का समर्थन किया। यह हमला भारत-पाकिस्तान के बीच कश्मीर को लेकर लंबे समय से चले आ रहे तनाव को और गहरा करता दिख रहा है।