यूट्यूबर से नेता बने मनीष कश्यप ने भाजपा छोड़ने का ऐलान कर दिया है। मनीष कश्यप के इस फैसले के पीछे का कारण एक FIR है, जो उस पर फर्जी खबर दिखाने के कारण दर्ज हुआ है। हाल ही में मनीष के यूट्यूब चैनल पर एक विवादित खबर प्रसारित हुई, जिसके बाद एफआईआर दर्ज कर दी गई।
मनीष कश्यप ने अपने यूट्यूब चैनल पर छपरा के दिघवारा थाना क्षेत्र में महिलाओं की पिटाई की खबर प्रसारित की थी। लेकिन प्रशासन का कहना है कि यह खबर गलत और भ्रामक थी। इसी आरोप में छपरा के साइबर थाना में 11 यूट्यूबर्स के खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई, जिनमें मनीष कश्यप का भी नाम शामिल था। इससे नाखुश होकर उन्होंने फेसबुक लाइव आकर बीजेपी से इस्तीफा देने की घोषणा कर दी। उन्होंने साफ कहा कि पहले इस्तीफा देंगे और फिर गिरफ्तारी के लिए तैयार हैं।
मनीष कश्यप ने पिछले साल लोकसभा चुनाव के दौरान बीजेपी का दामन थामा था। उन्होंने बताया कि उनकी मां के कहने पर उन्होंने पार्टी ज्वाइन की थी। दिल्ली में बीजेपी की सदस्यता लेने के बाद उन्होंने जेपी नड्डा और पीएम मोदी से भी मुलाकात की थी। इसके बाद उन्होंने पार्टी के लिए झारखंड और दिल्ली विधानसभा चुनावों में प्रचार किया था।
बीजेपी में शामिल होने के बाद उन्होंने सांसद मनोज तिवारी के लिए भी प्रचार किया था। मनोज तिवारी ने ही उन्हें पार्टी में लाने में अहम भूमिका निभाई थी। हालांकि, मनीष कश्यप के निर्दलीय चुनाव लड़ने की भी चर्चा थी। इसी दौरान एक चुनावी सभा के दौरान आचार संहिता के उल्लंघन का मामला भी दर्ज हुआ था।
यह पहली बार नहीं है जब मनीष कश्यप विवादों में घिरे हैं। 18 मार्च 2023 को उन्होंने बेतिया में सरेंडर किया था। दरअसल, तमिलनाडु में बिहार के मजदूरों पर हमले का फर्जी वीडियो शेयर करने के मामले में उनकी मुश्किलें बढ़ गई थीं। बिहार पुलिस की आर्थिक अपराध इकाई (EOU) ने इस मामले में उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी।
जब गिरफ्तारी का डर बढ़ा, तो मनीष कश्यप फरार हो गए थे। पुलिस ने उनके घर पर कुर्की जब्ती की कार्रवाई शुरू की, जिसके बाद उन्होंने बेतिया के स्थानीय थाने में सरेंडर कर दिया। उसी दिन पटना से आई EOU की टीम ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया और लंबी पूछताछ के बाद जेल भेज दिया गया।