रांची: झारखंड राज्य बाल संरक्षण संस्था झारखंड सरकार के मार्गदर्शन में बाल कल्याण संघ एवं चिल्ड्रेन ऑफ इंडिया फाउंडेशन के सयुक्त तत्वधान में राजधानी रांची के होटल कैपिटल हिल में एक दिवसीय राज्य स्तरीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का मुख्य विषय “बच्चों का ऑनलाइन यौन शोषण: था। कार्यशाला का शुभारंभ समाज कल्याण विभाग झारखंड सरकार के उप सचिव श्री विकास कुमार,झारखंड राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग के सदस्य श्री विकास दोदराजका उप श्रम अधीक्षक श्री राजेश प्रसाद ने दीप प्रज्वलन के साथ किया।कार्यक्रम में विभिन्न जिलों के जिला बाल संरक्षण पदाधिकारी,बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष सदस्य सहित विभिन्न विभागों के हितधारक मौजूद थे ।इस अवसर मुख्य अतिथि श्री विकास कुमार ने कहा कि डिजिटल युग में बच्चों की सुरक्षा आज की सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक है। उन्होंने ऑनलाइन शोषण के बढ़ते मामलों को गंभीर चिंता का विषय बताते हुए कहा कि सरकार और समाज को मिलकर इस समस्या का समाधान खोजना होगा। और हमारा विभाग इसे गंभीरता से लिया और इसका शुभारंभ हम यहां से कर रहे हैं कार्यक्रम में बच्चों के ऑनलाइन शोषण को रोकने के लिए नीतिगत सुधार, तकनीकी ऑनलाइन खतरों के प्रति जागरूकता बढ़ाने की आवश्यकता पर बल दिया।
कार्यशाला में श्री विकास दोदराजका सदस्य झारखंड राज्य बाल संरक्षण आयोग के सदस्य ने अपने संबोधन में कहा कि बच्चों की ऑनलाइन सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सरकार और आयोग के स्तर में हम बेहतर करने का काम कर रहे हैं साथ ही हमें ध्यान देना होगा कि बच्चों के बायोलॉजिकल परिवर्तनों जैसे संवेदनशील विषयों पर खुलकर बात करनी होगी। यदि हम ऐसे मुद्दों पर संवाद करने से बचते हैं, तो बच्चे अपने सवालों और जिज्ञासाओं के लिए अज्ञात या अविश्वसनीय लोगों की ओर रुख कर सकते हैं, जो उनके लिए हानिकारक साबित हो सकता है। उन्होंने जोर देकर कहा कि यह हमारी जिम्मेदारी है कि परिवार और समाज को सतर्क बनाया जाए ताकि बच्चे सुरक्षित वातावरण में अपनी जिज्ञासाओं को समझ सकें और गलत प्रभावों से बच सकें। परिवार और समाज के सामूहिक प्रयासों से ही बच्चों को ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों खतरों से सुरक्षित रखा जा सकता है। बाल कल्याण संघ के संस्थापक संजय मिश्र ने कार्यशाला में अपने विचार रखते हुए कहा कि बच्चों के शोषण के तरीके समय के साथ बदल गए हैं और अब यह ऑनलाइन माध्यम से तेजी से फैल रहा है।
उन्होंने कहा कि आज के बच्चे डिजिटल युग के हिस्से हैं, जिन्हें मोबाइल और इंटरनेट से पूरी तरह अलग नहीं किया जा सकता। इसलिए हमें सतर्क रहकर और रणनीतिक रूप से इस समस्या से निपटना होगा अभिभावकों और बच्चों से अपील की कि अगर कोई बच्चा इस तरह की स्थिति में फंसे, तो वह तुरंत अपने अभिभावक या मित्र से साझा करे और शर्म महसूस न करे। उन्होंने कहा कि बच्चों की जागरूकता और विश्वास ही उन्हें इस तरह के खतरों से बचाने का सबसे प्रभावी माध्यम है।साथ ही आज के बच्चे गेमिंग के माध्यम से भी गलत लिंक पर क्लिक कर देते हैं और ये सभी उसमें फसते चल जाते हैं।अगर कोई बच्चा इस जाल में फंस गया है है या फसने वाले हैं वे 1098 पर भी कॉल कर के बता सकते हैं इनसे कोई पूछेगा नहीं कि आप क्यों इस प्रकार के कार्य किए बल्कि आपको बेहतर सहयोग करेंगे। साथ ही अपने अभिभावक से छिपा का फोन प्रयोग न करें। कार्यक्रम में बाल कल्याण संघ द्वारा गठित खूंटी जिला के बाल मंच के चाइल्ड चैंपियन एवं कोडरमा के बाल मंच के बच्चों ने भी अपना सुरक्षा और सोशल मीडिया प्रयोग कैसे करें इस पर चर्चा किया।कार्यक्रम में साइबर पिस फाउंडेशन के विनीत जी ने भी ऑनलाइन चाइल्ड सेफ्टी के ऊपर विस्तृत चर्चा किया साथ ही बाल कल्याण संघ के साथ मिलकर इस विषय पर पूरे झारखंड में जागरूकता करने हेतु कार्य करने का संकल्प लिया।।




















