नई दिल्ली : विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर 8 से 14 जून 2025 तक फ्रांस, यूरोपीय संघ (ईयू) और बेल्जियम की आधिकारिक यात्रा पर रहेंगे। विदेश मंत्रालय (MEA) के अनुसार, यह यात्रा भारत के इन देशों और संगठन के साथ मैत्रीपूर्ण संबंधों को और मजबूत करने और विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग को नई गति देने के उद्देश्य से की जा रही है।
यात्रा के मुख्य बिंदु:
- फ्रांस: भारत और फ्रांस के बीच रक्षा, सिविल न्यूक्लियर एनर्जी, अंतरिक्ष और सुरक्षा (साइबर सुरक्षा, आतंकवाद विरोधी गतिविधियां और खुफिया जानकारी) जैसे क्षेत्रों में घनिष्ठ सहयोग है। 2019 में हडसन इंस्टीट्यूट ने फ्रांस को “भारत का नया सबसे अच्छा दोस्त” करार दिया था, जो दोनों देशों के बीच सदी पुराने व्यापारिक और रणनीतिक संबंधों को दर्शाता है।
- यूरोपीय संघ: जयशंकर की यात्रा के दौरान वे यूरोपीय संघ के उच्च प्रतिनिधि और उपाध्यक्ष काया कालस के साथ रणनीतिक वार्ता करेंगे। यह यात्रा 8-9 जून को होने वाले यूरोपीय यूथ इवेंट (EYE2025) के साथ मेल खाती है, जिसमें 8,500 युवा जलवायु और व्यापार जैसे मुद्दों पर चर्चा करेंगे, जो भारत-ईयू संबंधों के लिए महत्वपूर्ण हो सकते हैं।
- बेल्जियम: भारत और बेल्जियम के बीच 1947 से मजबूत आर्थिक साझेदारी रही है। 2021 के आंकड़ों के अनुसार, दोनों देशों के बीच व्यापार €6.2 बिलियन निर्यात और €6.1 बिलियन आयात तक पहुंचा है। जयशंकर बेल्जियम के उप-प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री मैक्सिम प्रेवो के साथ द्विपक्षीय वार्ता करेंगे, जिसमें उच्च तकनीक और नवाचार पर ध्यान केंद्रित होने की संभावना है।
महत्वपूर्ण संदर्भ:
यह यात्रा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कनाडा में 7 देशों के समूह (G7) शिखर सम्मेलन में विशेष आमंत्रित के रूप में भागीदारी से ठीक पहले हो रही है, जहां फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों और ईयू नेतृत्व भी मौजूद रहेंगे। इसके अलावा, भारत ने बेल्जियम स्थित IMEC के साथ चिप-निर्माण प्रौद्योगिकी के लिए समझौता किया है, जो इस यात्रा के आर्थिक आयाम को और मजबूत करता है।
विदेश मंत्रालय के अनुसार, यह यात्रा भारत के लिए इन क्षेत्रों में दीर्घकालिक साझेदारी को बढ़ावा देने और वैश्विक मंच पर अपनी स्थिति को मजबूत करने का अवसर होगी।