नयी दिल्ली: जोहान्सबर्ग, दक्षिण अफ्रीका में G-20 विदेश मंत्रियों की बैठक के दौरान विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने जोहान्सबर्ग में चीनी विदेश मंत्री वांग यी से मुलाकात की। इसे लेकर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जयसवाल ने कहा, ” दोनों मंत्रियों (भारत और चीन के विदेश मंत्रियों) ने नवंबर में हुई पिछली बैठक के बाद से द्विपक्षीय संबंधों में हुए विकास की समीक्षा की।
विशेष रूप से, सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति और स्थिरता के प्रबंधन, कैलाश मानसरोवर यात्रा, फ्लाइट संपर्क और यात्रा सुविधाओं पर चर्चा की गई।” आगे कहा, कि भारत-अमेरिका संयुक्त वक्तव्य में उल्लेख किया गया है कि अमेरिकी पक्ष भारत को पांचवीं पीढ़ी के लड़ाकू विमान जारी करने की अपनी नीति की समीक्षा कर रहा है। राष्ट्रपति ट्रम्प ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान F-35 विमान का भी उल्लेख किया था।
अभी तक हमारी ओर से पांचवीं पीढ़ी के लड़ाकू विमान के लिए कोई औपचारिक अधिग्रहण प्रक्रिया शुरू नहीं की गई है। जयसवाल ने कहा, विदेश मंत्री ने जोहान्सबर्ग में G20 विदेश मंत्रियों की बैठक के दौरान रूस के विदेश मंत्री के साथ बैठक की। उन्होंने स्वाभाविक रूप से भारत-रूस द्विपक्षीय संबंधों के सभी पहलुओं पर चर्चा की और उन्होंने यूक्रेन संघर्ष से संबंधित हाल के घटनाक्रमों पर भी चर्चा की और वे संपर्क में बने रहने पर सहमत हुए।
KIIT विश्वविद्यालय में नेपाली लड़की की मौत पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जयसवाल ने कहा, नेपाली छात्र की दुखद मौत से हम बहुत दुखी हैं। हम अपनी हार्दिक संवेदनाएं व्यक्त करते हैं। भारत सरकार देश में सभी अंतरराष्ट्रीय छात्रों की सुरक्षा, संरक्षा और कल्याण को उच्च प्राथमिकता देती है। स्थिति के प्रकाश में आने के बाद से विदेश मंत्रालय ओडिशा सरकार और KIIT अधिकारियों के साथ लगातार संपर्क में है। हमने नेपाली अधिकारियों के साथ भी निकट संपर्क बनाए रखा है। मालूम हो कि रणधीर जयसवाल ने कहा, क्या SAARC पर चर्चा हुई या नहीं।
हां, यह मामला बांग्लादेश की ओर से विदेश मामलों की बैठक में उठाया गया था, जब विदेश मंत्री ने मस्कट में बांग्लादेश के विदेश सलाहकार से मुलाकात की थी। दक्षिण एशिया में हर कोई जानता है कि कौन सा देश और कौन सी गतिविधियां SAARC को बाधित करने के लिए जिम्मेदार हैं। विदेश मंत्री ने कहा कि यह महत्वपूर्ण है कि बांग्लादेश को आतंकवाद को सामान्य नहीं बनाना चाहिए।
विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने G-20 की बैठक में कहा कि कहा, “मुझे बहुत खुशी है कि हम आज जोहान्सबर्ग में G-20 विदेश मंत्रियों की बैठक के दौरान मिल पाए। इस तरह की सभाओं ने हमारे संबंधों को तब भी बातचीत का अवसर प्रदान किया है, जब हमारे संबंध कठिन दौर से गुजर रहे थे। हमारे दोनों देशों ने एक संस्था के रूप में G-20 को संरक्षित और सुरक्षित रखने के लिए कड़ी मेहनत की है।
यह अपने आप में अंतर्राष्ट्रीय सहयोग के महत्व को प्रमाणित करता है। हमारे NSA और विदेश सचिव ने चीन का दौरा किया है और हमारे संबंधों के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा हुई है। इनमें सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति और सौहार्द के प्रबंधन के साथ-साथ हमारे संबंधों के अन्य आयाम भी शामिल हैं। मुझे आज विचारों के आदान-प्रदान पर खुशी है। भारत और चीन G-20, SCO और BRICS के सदस्य हैं। आपसी हित के क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दे भी हैं, जहां विचारों का आदान-प्रदान हमारे आपसी लाभ के लिए होगा।