बिहार के भागलपुर जिले के कई हिस्सों में बाढ़ का खतरा एक बार फिर से बढ़ गया है. गंगा नदी खतरे के लाल निशान के बेहद करीब पहुंच गई है. जिसके कारण बूढ़ानाथ, दीपनगर, मानिक सरकार घाट, किलाघाट और टीएमबीयू प्रशासनिक भवन के आस-पास स्थिति गंभीर होती जा रही.
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जल संसाधन विभाग की माने तो, शनिवार शाम पांच बजे जलस्तर 33.62 मीटर रहा. जो खतरे के निशान 33.68 मीटर से मात्र 6 सेंटीमीटर दूर था. पिछले 24 घंटे में गंगा नदी का पानी 15 सेंटीमीटर ऊपर चढ़ा. दूसरी तरफ जिले के सुल्तानगंज में जलस्तर खतरे के निशान 34.50 मीटर से 92 सेमी ऊपर 35.42 मीटर रहा. जबकि कहलगांव में जलस्तर खतरे के निशान 31.09 मीटर से 91 सेंटीमीटर ऊपर 32 सेमी रहा
भागलपुर में निचले इलाकों में परेशानी बढ़ गई है. कई इलाकों जैसे कि बूढ़ानाथ, दीपनगर, मानिक सरकार घाट, किलाघाट और टीएमबीयू प्रशासनिक भवन के आस-पास खतरा बढ़ गया है. तटीय इलाके के कई घरों के आस-पास पानी लग गया है. लोगों को आने-जाने में भी परेशानी हो रही है. जिले के सबौर प्रखंड में करीब दो दिनों से गंगा का कटाव ठहरा हुआ है. लेकिन जलस्तर बढ़ता जा रहा है. कहलगांव में गंगा का जलस्तर फिर अपने रौद्र रूप में इस्माईलपुर-बिंदटोली के तटबंध के किनारे दिखने लगा है. संभावना जताई जा रही है कि इस इलाके में अच्छी-खासी बारिश हुई और नदी का जलस्तर बढ़ता रहा तो परेशानी ज्यादा बढ़ जायेगी. कई इलाकों में कटाव शुरू होगा और पूरी तरह जलमग्न हो जायेंगे. गंगा नदी के जलस्तर में वृद्धि के बाद दबाव है लेकिन लगातार निगरानी की जा रही है. कहीं भी किसी भी वक्त खतरा बढ़ सकता है. इसको देखते हुए विभाग द्वारा 24 घंटे निगरानी के लिए अलग-अलग स्तर पर टीम बनाई गई है.






















