RANCHI: अमन श्रीवास्तव वह नाम है जिसका झारखंड के हर कोयला बेल्ट में तूती बोलती थी। अमन का एक फोन कोयला कारोबारी के लिए दहशत भरा होता था। झारखंड पुलिस पिछले 8 सालों से अमन को गिरफ्तार करने का प्रयास कर रही थी। लेकिन वह पुलिस को चकमा देता रहा। आखिरकार महाराष्ट्र एटीएस के सहयोग से वह मुंबई से धर दबोचा गया। अमन की गिरफ्तारी में झारखंड पुलिस के एडीजी अभियान संजय आनंद लाटकर की सबसे महत्वपूर्ण भूमिका रही। वहीं उसकी गिरफ्तारी के लिए एटीएस एक महीने से मुंबई की खाक छान रही थी।
महाराष्ट्र के रहने वाले हैं लाटकर
झारखण्ड में नक्सलियों को नाकों चने चबवाने वाले झारखंड पुलिस के एडीजी अभियान संजय आनंद लाटकर महाराष्ट्र के रहने वाले हैं। केंद्रीय प्रतिनियुक्ति के दौरान वे महाराष्ट्र में सीआरपीएफ और महाराष्ट्र एटीएस में काम कर चुके है। झारखंड एटीएस की टीम को जब यह सूचना मिली कि अमन श्रीवास्तव लगातार मुंबई में रह रहा है। तब संजय आनंद ने खुद मोर्चा संभाला और महाराष्ट्र एटीएस में अपने परिचित अफसरों से मदद मांगी। आनंद लंबे समय तक महाराष्ट्र में काम कर चुके थे। इसलिए उन्हें जो भी मदद की जरूरत थी वह मिलने लगी।
रेलवे का कर रहा था इस्तेमाल
रांची से गई टीम महाराष्ट्र एटीएस के साथ मिलकर अमन को खोजने के काम में लग गई। अमन इतना शातिर था कि वह पकड़ में नहीं आ रहा था। लगातार अपने लोकेशन और फोन नंबर दोनो ही बदल रहा था। हालांकि रेकी करने के दौरान झारखंड एटीएस की टीम को यह तो जानकारी मिल ही गई कि सबसे ज्यादा आने जाने के लिए अमन श्रीवास्तव मुंबई के वाशी रेलवे स्टेशन का इस्तेमाल कर रहा है।
वाशी स्टेशन को ही बनाया बेस
मुंबई के सभी रेलवे स्टेशन पर फेस डिटेक्शन कैमरे लगे है। महाराष्ट्र एटीएस ने अमन की तीन तस्वीर रेलवे स्टेशन में लगे फेस डिटेक्शन कैमरा में फीड कर दी जो रिजल्ट आया उसे देखकर झारखंड एटीएस और महाराष्ट्र एटीएस के अफसर खुश हो गए क्योंकि अमन वाशी रेलवे स्टेशन का ही लगातार प्रयोग कर रहा था।जिसके बाद रांची से गए एटीएस के अफसरों ने वाशी रेलवे स्टेशन को ही अपना बेस बना लिया। सूरत से चलकर मुंबई आने वाली ट्रेन में अमन श्रीवास्तव बैठा दिखाई दे गया। मुंबई एटीएस और झारखंड एटीएस के एक दर्जन अफसर वाशी स्टेशन पर मोर्चा संभाले हुए थे जैसे ही अमन श्रीवास्तव बाहर निकला उसे धर दबोचा गया। एटीएस की टीम मुंबई से रांची लेकर आ चुकी है। अब एटीएस मुख्यालय में उससे पूछताछ की जा रही है।