रांची : गैंगस्टर अमन सिंह की पत्नी अंजुला सिंह को मानवाधिकार आयोग की सिफारिश पर 4 लाख रुपये का मुआवजा देने का आदेश जारी किया गया है। गृह, कारा एवं आपदा प्रबंधन विभाग ने इस संबंध में औपचारिक नोटिफिकेशन जारी कर दिया है । बता दें, यह मुआवजा अमन सिंह की हत्या के बाद उनके परिजनों को दी जाने वाली वित्तीय सहायता का हिस्सा है, जो भारत में अपराधियों के परिवारों के लिए एक दुर्लभ उदाहरण है।
कोयलांचल वर्चस्व की लड़ाई में हुई थी हत्या
धनबाद के कोयलांचल क्षेत्र पर कब्जे की लड़ाई के दौरान 3 दिसंबर 2023 को धनबाद मंडल कारा में अमन सिंह की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। सुंदर यादव उर्फ रितेश यादव ने इस वारदात को अंजाम दिया, जो जेल परिसर में एक सनसनीखेज घटना के रूप में सामने आई। बताया जाता है कि अमन सिंह उस समय अस्पताल वार्ड में बिस्तर पर लेटे हुए गाना सुन रहे थे, जब सुंदर यादव ने पिस्टल से उन पर कई गोलियां चलाईं और अंत में उनके सिर पर गोली मारकर हत्या की पुष्टि की। इसके बाद हत्यारा जेल परिसर से पिस्टल फेंककर फरार हो गया। जांच में पता चला कि अमन सिंह के साथी रहे आशीष रंजन सिंह ने इस हत्या की साजिश रची थी।
अमन सिंह नीरज सिंह हत्याकांड मामले में जेल में बंद थे, और उनकी हत्या ने अपराध जगत में सनसनी फैला दी थी। मुआवजे के इस फैसले ने कानूनी और सामाजिक हलकों में बहस छेड़ दी है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह कदम मानवाधिकारों के तहत पीड़ित परिवारों की पुनर्वास नीति का हिस्सा हो सकता है, भले ही मृतक स्वयं एक अपराधी रहा हो। हालांकि, यह निर्णय अन्य मामलों जैसे रोमिल वोहरा के मामले से अलग है, जहां अपराधी के परिवार को कोई मुआवजा नहीं दिया गया, बल्कि उनकी गिरफ्तारी पर 3.10 लाख रुपये का इनाम घोषित किया गया था।
कानूनी विशेषज्ञों के अनुसार, यह मुआवजा राज्य की ओर से अपनी जनता की सुरक्षा में विफलता को स्वीकार करने का एक रूप हो सकता है, जैसा कि भारतीय दंड संहिता की धारा 357A के तहत निर्धारित है। यह प्रावधान पीड़ितों या उनके परिवारों को वित्तीय सहायता प्रदान करने पर जोर देता है, भले ही अपराधी पर मुकदमा न चले। आने वाले समय में ऐसे मामलों में मुआवजे की नीति पर और बहस होने की संभावना है, क्योंकि यह भारत के आपराधिक न्याय प्रणाली में पीड़ितों और अपराधियों के बीच संतुलन को लेकर नई चर्चा को जन्म दे सकता है।