Gaya Diwali murder: बिहार के गया से इस बार दिवाली की खुशियों के बीच एक दिल दहला देने वाली वारदात सामने आई है जिसने पूरे राज्य को झकझोर कर रख दिया। गया के कोतवाली थाना क्षेत्र के बैरागी मुहल्ले में मंगलवार की सुबह तब अफरा-तफरी मच गई जब चार टीनएज लड़कों ने अपने ही साथी को गोलियों से भून डाला। यह वारदात उस वक्त हुई जब पूरा शहर पूजा और उत्सव की तैयारियों में डूबा हुआ था।
प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, सुबह करीब आठ बजे चारों किशोर बाइक से पहुंचे और उन्होंने अपने परिचित युवक को सड़क पर घेर लिया। इसके बाद एक-एक कर चारों ने उस पर गोलियां बरसानी शुरू कर दीं। चार गोलियां दागने के बाद भी वे तब तक रुके नहीं जब तक युवक की मौके पर ही मौत नहीं हो गई। घटना की निर्ममता और निडरता ने पूरे इलाके को दहशत में डाल दिया।
गोलियों की आवाज से पूरा इलाका गूंज उठा और कुछ ही मिनटों में सैकड़ों लोग घटनास्थल पर जमा हो गए। स्थानीय लोगों ने बताया कि मृतक और हमलावर एक-दूसरे को पहले से जानते थे। शुरुआती जांच में पुरानी रंजिश या आपसी विवाद को इस वारदात की वजह बताया जा रहा है। हालांकि पुलिस अभी सभी पहलुओं की जांच कर रही है।
दिनदहाड़े बीच सड़क पर हुई यह हत्या न सिर्फ अपराधियों के दुस्साहस को दर्शाती है, बल्कि यह भी बताती है कि अपराधियों के मन से कानून का भय खत्म होता जा रहा है। शहर के बीचोंबीच, आम लोगों के सामने गोलियां चलाना — यह केवल हत्या नहीं, बल्कि राज्य की कानून-व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े करता है।
घटना की जानकारी मिलते ही कोतवाली थाना पुलिस मौके पर पहुंची और शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया। पुलिस ने घटनास्थल से खाली कारतूस और खून से सनी मिट्टी बरामद की है। आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज को खंगाला जा रहा है ताकि हमलावरों की पहचान की जा सके। फिलहाल पुलिस ने चारों किशोर आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी शुरू कर दी है।
गया की यह वारदात यह याद दिलाती है कि त्योहारों की चमक के पीछे अंधकारमय सच्चाई भी पल रही है — एक ऐसी पीढ़ी जो क्रोध, प्रतिस्पर्धा और हिंसा की चपेट में आती जा रही है। अब यह सिर्फ पुलिस का नहीं, बल्कि पूरे समाज का कर्तव्य है कि ऐसे अपराधों के खिलाफ जागरूकता और सख्त सामाजिक अनुशासन की शुरुआत की जाए।