[Team insider] कोरोना के कारण पिछले दो सालों से ऐसा कोई क्षेत्र नहीं है बचा जहां इसका प्रभाव नहीं पड़ा है। लाखों लोग बेरोजगार हो गए। गरीबों की हालत बद से बदतर हो गई है। गरीबों का पेट भर सके इसके लिए केंद्र व राज्य सरकार मिलकर महीने में दो बार खाद्यान दे रही हैं। लेकिन इस विषम परिस्थिति में भी सरकारी तंत्र राशन को गबन करने में जुटा है। बता दें कि कोरोना के कारण केंद्र सरकार निःशुल्क जबकि राज्य सरकार एक रुपये प्रति किलो में गरीबों को राशन मुहैया करा रही है। लेकिन राज्य सरकार की ओर से मिलने वाले राशन का बड़े पैमाने पर गबन किया जा रहा है।
कार्डधारियों का दो राशन गबन करने का आरोप
डीलर कार्डधारियों को राशन आवंटन नहीं होने का हवाला देकर समय पर राशन वितरण न कर, एक महीने में दो बार राशन वितरण करने के जगह एक बार वितरण करते और एक राशन को गबन कर लेते है। ऐसा ही मामला जमुआ प्रखंड क्षेत्र के करिहारी ग्राम के संजीवनी संघ गीता एस एच् जी, संजीवनी संघ दुलारी, शिव आजीविका सखी मंडल जन वितरण प्रणाली में देखने को मिला। जहां विगत अक्टूबर व नवम्बर माह में कार्डधारियों का दो राशन गबन कर लिया गया।
राशन नहीं आने की बात कह कर करते हैं टाल मटोल
कार्डधारियों ने बताया कि जब भी उक्त तीनों डीलरों को पूछते है कि एक बार राशन दिए तो डिलर उन्हें राशन की आवंटन नही आने की बात को कह कर टाल मटोल कर देते है। जानकारी के मुताबिक, लाभार्थियों को हर महीने दो बार राशन मिलना था। एक राज्य सरकार की तरफ से और दूसरा केंद्र सरकार की तरफ से. लेकिन, डीलरों द्वारा केंद्र सरकार की ओर से दिया जाने वाला राशन तो दूर, राज्य सरकार द्वारी हर महीने दिया जाने वाला राशन भी अधिकारियों के मिलीभगत से गबन कर लिया गया।
जहां जो शिकायत करना है करो
प्रत्येक माह कार्डधारी जब डिलर को एक माह में दो बार राशन देने की जब मांग करता है तो उक्त तीनों डीलर क्रमशः सतीष यादव, प्रमोद राणा तथा भुवनेश्वर राणा कहते है कि जो राशन दे रहे वह लेकर जाइये अन्यथा जो करना जहां जो शिकायत करना है करो। कार्डधारी भी किसी पदाधिकारी को शिकायत इसलिए नही करते है कि डीलरों द्वारा राशन कार्ड रद्द करा देने की भी धमकी देते है। आखिरकार कार्डधारी चुप्पी साध रहते है। हालांकि इस मामले का खुलासा तब हुआ जब कार्डधारकों की इस गम्भीर समस्या की बात मीडिया तक पहुंची और जनता की समस्या को सुनकर डीलरों से जब पूछा गया तो भ्रष्टाचार की पोल खुल गई।
क्यों नही की जाती है जांच पड़ताल
आश्चर्य की बात तो यह है कि डीलरों की इतनी बड़ी घोटाला कर लेने का मनोबल कैसे हो रही है। कहीं न कहीं सम्बन्धित पदाधिकारी की मिलीभगत से इतनी बड़ी घोटाला में शामिल हो जाहिर सी बात होती है। अगर नही तो पदाधिकारी द्वारा जांच पड़ताल क्यो नही की जाती है। विदित हो कि करिहारी पंचायत में सात जनवितरण प्रणाली की दुकान है। कार्डधारियों के मुताबिक सभी डीलरों की यही रवैया है किसी ने सही से वितरण नही किया है।
दो माह में कितना राशन का किया गया गबन
उक्त मामले में अक्टूबर व नवम्बर माह की एक राशन गबन कर लेने में तीनों डीलरों की जब कार्डधारियों की सूची को देखा गया तो सुनकर आपको हैरान लगेगी।
1. संजीवनी संघ गीता एसएचजी जनवितरण प्रणाली मे एक माह के एक राशन में अंत्योदय,पीएच तथा हरा कार्ड के कार्डधारकों को राशन वितरण करने के लिए कुल 5745 किलोग्राम राशन आता है।
2. संजीवनी संघ दुलारी एसएचजी में कुल 4165 किलो ग्राम राशन
3. शिव आजीविका एसएचजी सुरही में कुल 5055 किलो ग्राम राशन वितरण के लिए आपूर्ति की जाती है।
तीनो डीलरों द्वारा दो माह की जो राशन गबन किया गया है,अगर आंकड़ा किया जाय तो कुल 29.93 टन की घोटाला किया गया है।
दोषी पाए जाने डीलर पर की जाएगी कारवाई : डीएसओ
उक्त मामले में जिला आपूर्ति पदाधिकारी गौतम भगत से पूछे जाने पर कहा कि अक्टूबर व नवम्बर माह के दोनो राशन का आवंटन किया गया है। अगर डीलरों द्वारा एक ही राशन वितरण किया गया है तो जांच पड़ताल कर दोषी पाए जाने डीलर पर कारवाई की जाएगी।