दिल्ली : अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक महत्वाकांक्षी राष्ट्रीय बैलिस्टिक और क्रूज मिसाइल रक्षा प्रणाली, जिसे “गोल्डन डोम” प्रोजेक्ट के नाम से जाना जाता है, की घोषणा की है। इस प्रोजेक्ट पर अनुमानित 14 लाख करोड़ रुपये (लगभग 1.7 ट्रिलियन डॉलर) खर्च होने की उम्मीद है।इस पहल का उद्देश्य अमेरिकी होमलैंड की सुरक्षा को मिसाइल खतरों से बढ़ाना है। गोल्डन डोम प्रोजेक्ट में स्पेस-बेस्ड सेंसर और इंटरसेप्टर शामिल होंगे, जो दुश्मनों को रोकने के लिए ट्रंप की व्यापक रणनीति का हिस्सा हैं।
मार्च 2025 में लॉकहीड मार्टिन द्वारा प्रस्तुत एक प्रस्ताव में इसे “मैनहट्टन प्रोजेक्ट-स्तर का मिशन” described किया गया है, जो राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण है।ट्रंप की यह घोषणा उनके हालिया राजनयिक प्रयासों के बीच आई है, जिसमें संयुक्त अरब अमीरात (UAE) की यात्रा भी शामिल है, जहां उन्होंने ईरान के साथ एक tentative न्युक्लियर डील पर चर्चा की। यह दौरा एक ऐसे समय में हुआ है जब मिसाइल रक्षा और अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है।
गोल्डन डोम प्रोजेक्ट अमेरिका के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है, जो आधुनिक मिसाइल खतरों से निपटने के लिए उन्नत तकनीक और रक्षा तंत्र विकसित करने का इरादा रखता है। इस पहल से न केवल अमेरिकी सुरक्षा मजबूत होगी, बल्कि वैश्विक सुरक्षा परिदृश्य पर भी इसका प्रभाव पड़ेगा