बिहार के सरकारी फार्मेसी कॉलेजों में पढ़ाने वाले गेस्ट टीचर्स के लिए बड़ी खुशखबरी है। नीतीश सरकार ने उनके मानदेय में बढ़ोतरी की घोषणा की है। पहले गेस्ट टीचर्स को प्रति क्लास 1000 रुपये मिलते थे, जिसे अब बढ़ाकर 1500 रुपये कर दिया गया है। इतना ही नहीं, महीने के अधिकतम मानदेय को भी 35,000 रुपये से बढ़ाकर 50,000 रुपये कर दिया गया है। यह फैसला ‘अवसर बढ़े, आगे बढ़े’ योजना के तहत लिया गया है, जिसका उद्देश्य तकनीकी शिक्षा को बढ़ावा देना और युवाओं के लिए रोजगार के अधिक अवसर उपलब्ध कराना है।
‘अवसर बढ़े, आगे बढ़े’ योजना के तहत लिया गया अहम फैसला
बिहार सरकार राज्य में तकनीकी शिक्षा के स्तर को सुधारने और युवाओं को रोजगार से जोड़ने पर जोर दे रही है। इसी उद्देश्य से ‘अवसर बढ़े, आगे बढ़े’ योजना चलाई जा रही है। सरकार का मानना है कि तकनीकी शिक्षा से युवाओं को बेहतर नौकरियों के अवसर मिलेंगे, जिससे राज्य का समग्र विकास संभव होगा। इसी कड़ी में सरकार ने फार्मेसी कॉलेजों के गेस्ट टीचर्स का मानदेय बढ़ाने का फैसला किया ताकि वे और अधिक समर्पित होकर छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा दे सकें।
राज्य में खोले गए पांच नए फार्मेसी कॉलेज
तकनीकी शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने हाल ही में सिवान, सासाराम, बांका, नालंदा और समस्तीपुर में पांच नए सरकारी फार्मेसी कॉलेज खोले हैं। इन कॉलेजों में पढ़ाई शुरू हो चुकी है, लेकिन अभी तक स्थायी शिक्षकों की नियुक्ति नहीं हुई है। फिलहाल, गेस्ट टीचर्स के भरोसे ही पढ़ाई जारी है। ऐसे में सरकार चाहती है कि जब तक नियमित शिक्षक नहीं आते, तब तक छात्रों की पढ़ाई प्रभावित न हो। यही वजह है कि गेस्ट टीचर्स को बेहतर वेतन देकर उनका उत्साह बढ़ाया जा रहा है।
नियमित नियुक्तियों के लिए सरकार बना रही नियमावली
बिहार सरकार फार्मेसी कॉलेजों में स्थायी शिक्षकों की भर्ती के लिए नियमावली तैयार कर रही है। हालांकि, इसमें कुछ समय लग सकता है, इसलिए फिलहाल गेस्ट टीचर्स की सहायता से छात्रों की पढ़ाई सुचारू रूप से जारी रखने की व्यवस्था की गई है। सरकार का कहना है कि जब तक नियमित शिक्षक नहीं आ जाते, तब तक छात्रों की पढ़ाई बाधित न हो। इसलिए गेस्ट टीचर्स को अधिक वेतन देकर उनकी आर्थिक स्थिति को भी मजबूत किया जा रहा है।
स्वास्थ्य विभाग ने दिया था प्रस्ताव, सरकार ने दी मंजूरी
गेस्ट टीचर्स के मानदेय बढ़ाने का प्रस्ताव स्वास्थ्य विभाग की ओर से रखा गया था, जिसे बिहार सरकार ने मंजूरी दे दी। स्वास्थ्य विभाग ने इस संबंध में आधिकारिक आदेश भी जारी कर दिया है। यह फैसला न सिर्फ गेस्ट टीचर्स के हित में है, बल्कि छात्रों के लिए भी फायदेमंद होगा। बेहतर वेतन मिलने से शिक्षक और अधिक समर्पित होकर पढ़ा सकेंगे, जिससे छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिलेगी।