नई दिल्ली : टेक दिग्गज गूगल एक बार फिर विवादों में घिर गया है। खबरों के मुताबिक, गूगल ने अपने लेटेस्ट आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) मॉडल्स, जेमिनी और Veo 3 को ट्रेन करने के लिए यूट्यूब क्रिएटर्स के वीडियो का बिना अनुमति इस्तेमाल किया है। एक लीक हुए आंतरिक स्रोत के हवाले से बताया गया कि गूगल ने 20 बिलियन यानी 2000 करोड़ से अधिक वीडियो का उपयोग किया, जो यूट्यूब पर उपलब्ध हैं।
रिपोर्ट्स के अनुसार, गूगल ने इस साल के Google I/O 2025 में Veo 3 को पेश किया था, जो एक एडवांस वीडियो जेनरेशन टूल है। इस टूल के जरिए टेक्स्ट को ऑडियो-वीडियो में बदलने की क्षमता है, और इसके वीडियो असली जैसे दिखते हैं। हालांकि, विवाद तब शुरू हुआ जब कई यूट्यूब क्रिएटर्स ने आरोप लगाया कि उनकी सहमति के बिना उनके वीडियो का इस्तेमाल AI ट्रेनिंग के लिए किया गया। गूगल का दावा है कि इस प्रक्रिया के लिए क्रिएटर्स और मीडिया कंपनियों के साथ समझौते किए गए थे, और यूट्यूब के टर्म्स ऑफ सर्विस में पहले से इसकी अनुमति दी गई है।
गूगल ने सफाई देते हुए कहा कि वह अपने प्रोडक्ट्स को बेहतर बनाने के लिए हमेशा से डेटा का उपयोग करता आया है, और AI के आने के बाद भी यह प्रक्रिया बदली नहीं है। कंपनी का कहना है कि क्रिएटर्स को अपने कंटेंट को सुरक्षित करने का विकल्प दिया गया है, और वे अमेजन, नवीडिया, और एप्पल जैसी कंपनियों को ब्लॉक कर सकते हैं। साथ ही, यूट्यूब ने क्रिएटर्स को इस संबंध में सभी जानकारी पहले ही साझा कर दी थी।
हालांकि, यह मामला केवल तकनीकी नहीं, बल्कि कानूनी और नैतिक पहलुओं से भी जुड़ा है। 2023 में जर्नल ऑफ इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी लॉ की एक स्टडी के अनुसार, बिना स्पष्ट ऑप्ट-आउट विकल्प के क्रिएटर्स के कंटेंट का इस्तेमाल करना बौद्धिक संपदा अधिकारों का उल्लंघन हो सकता है। इसके अलावा, 2021 में गूगल के एक ब्लॉग पोस्ट में यूट्यूब कंटेंट के मशीन लर्निंग के लिए उपयोग की बात कही गई थी, लेकिन क्रिएटर्स के बीच इस पर असहमति बढ़ रही है।
भारत में यूट्यूब के 462 मिलियन यूजर्स (2024 स्टैटिस्टा डेटा के अनुसार) हैं, और इस विवाद से देश के क्रिएटर्स समुदाय में चिंता की लहर है। विशेषज्ञों का मानना है कि अगर यह विवाद बढ़ा, तो भारत में भी कानूनी कार्रवाई की मांग उठ सकती है।
यह देखना दिलचस्प होगा कि क्रिएटर्स इस मुद्दे पर क्या कदम उठाते हैं और गूगल इस विवाद से कैसे निपटता है। इस बीच, कई लोग इस बात पर जोर दे रहे हैं कि क्रिएटर्स को अपने कंटेंट के उपयोग के लिए स्पष्ट सहमति और मुआवजे का अधिकार मिलना चाहिए। क्या गूगल अपने नीतियों में बदलाव लाएगा? यह सवाल अभी अनुत्तरित है।