पटना/वैशाली। बिहार के व्यापारी गोपाल खेमका हत्याकांड (Gopal Khemka Murder Case) से जुड़ा एक चौंकाने वाला संयोग सामने आया है। जिस दिन पटना में गोपाल खेमका का श्राद्ध होगा, ठीक उसी दिन 15 जुलाई को वैशाली की अदालत में उनके बड़े बेटे गुंजन खेमका (Gunjan Khemka) की हत्या के मामले की सुनवाई निर्धारित है। यह सुनवाई चार्जशीट दाखिल होने के तीन साल बाद हो रही है, जो 2022 में पहली बार सुनवाई के बाद अब तक स्थगित थी।
जमीन विवाद से जुड़ी खूनी दुश्मनी का पुलिस खुलासा
पुलिस ने मंगलवार को इस मामले में नए खुलासे करते हुए बताया कि गोपाल खेमका की हत्या जमीन विवाद से जुड़ी थी। व्यापारी अशोक साह (Ashok Sah) ने 4 लाख रुपये की सुपारी देकर शूटर उमेश यादव (Umesh Yadav) से यह हत्या करवाई थी। पुलिस के अनुसार, हत्यारे ने डेढ़ महीने तक गोपाल की रेकी की थी और 5 जुलाई की रात 11:38 बजे गांधी मैदान थाना क्षेत्र में उनके अपार्टमेंट के गेट पर ही गोली मारकर हत्या कर दी।
पुलिस ने तकनीक की मदद से किया केस सुलझाने का दावा
बिहार पुलिस के डीजीपी विनय कुमार (DGP Vinay Kumar) ने बताया कि सीसीटीवी फुटेज (CCTV Footage) और मोबाइल सर्विलांस के आधार पर इस मामले को सुलझाया गया है। उन्होंने यह भी संकेत दिया कि गुंजन खेमका हत्याकांड (2018) में शामिल आरोपियों की संभावित भूमिका भी गोपाल की हत्या में हो सकती है, जिसकी जांच चल रही है।
तीन साल बाद मिली सुनवाई की तारीख
गुंजन खेमका हत्याकांड में चार आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की गई थी, जिनमें से एक आरोपी मस्तु सिंह की जेल से रिहाई के बाद हत्या कर दी गई थी। अब शेष आरोपियों के खिलाफ मुकदमा चलाया जाएगा। यह मामला अब फिर से सुर्खियों में आ गया है क्योंकि गोपाल खेमका ने ही अपने बेटे की हत्या के लिए प्राथमिकी दर्ज कराई थी।