बिहार सरकार राज्य में विकास कार्यों को गति देने के लिए 50 हजार करोड़ रुपये का ऋण लेने की योजना बना रही है। इस राशि का उपयोग मुख्य रूप से राज्य के शहरी और ग्रामीण इलाकों में बुनियादी ढांचे के विकास के लिए किया जाएगा।
ऋण का स्रोत:
- नाबार्ड: ग्रामीण इलाकों में सड़क, पुल, सिंचाई आदि के लिए 2700 करोड़ रुपये।
- एनएचबी: शहरी क्षेत्रों में प्याऊ, बस स्टैंड, शवदाह गृह आदि के निर्माण के लिए 300 करोड़ रुपये।
- सिडबी: औद्योगिक क्षेत्रों में बुनियादी ढांचा विकास और श्रमिक कल्याण के लिए 300 करोड़ रुपये।
- ओपन मार्केट: शेष राशि ओपन मार्केट से ली जाएगी।
विकास कार्यों पर खर्च:
- ग्रामीण क्षेत्र: सिंचाई क्षमता बढ़ाना, पुल-पुलिया का निर्माण।
- शहरी क्षेत्र: प्याऊ, बस स्टैंड, शवदाह गृह का निर्माण, शहरी विकास।
- औद्योगिक क्षेत्र: बुनियादी ढांचा विकास, श्रमिक कल्याण के लिए सुविधाएं।
इस ऋण से होने वाले फायदे:
- विकास में तेजी: राज्य में विकास कार्यों को गति मिलेगी।
- रोजगार सृजन: विकास कार्यों से रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे।
- बुनियादी ढांचे में सुधार: राज्य का बुनियादी ढांचा मजबूत होगा।
- ग्रामीण विकास: ग्रामीण इलाकों में विकास होगा।
- शहरी विकास: शहरी क्षेत्रों का विकास होगा।
यह ऋण बिहार के विकास के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। इससे राज्य में रहने वाले लोगों का जीवन स्तर बेहतर होगा और राज्य का विकास होगा।