बिहार की राजधानी पटना एक बार फिर फल-संस्कृति और किसानी परंपरा का गवाह बना, जब ज्ञान भवन में दो दिवसीय आम महोत्सव 2025 का भव्य आयोजन किया गया। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इसका उद्घाटन किया और कहा कि बिहार के आम विश्वस्तरीय गुणवत्ता वाले हैं और सरकार इसका अंतरराष्ट्रीय ब्रांड तैयार करने की दिशा में लगातार काम कर रही है।

ज्ञान भवन में आयोजित इस खास महोत्सव में आम की कुल 4578 प्रजातियों को प्रदर्शित किया गया है, जिनमें मालदह, जर्दालू, गुलाबखास, लंगड़ा, दशहरी, हुस्न-ए-आरा, बेनजीर, फजली, अल्फांसो, कृष्णभोग, जर्दा बम्बई और सीपिया जैसी देशी-विदेशी और दुर्लभ किस्में शामिल हैं। प्रदर्शनी में आम की खुशबू, स्वाद, आकार और रंगों की विविधता ने आगंतुकों को आकर्षित किया।
किसानों और वैज्ञानिकों ने मिलकर आम की दुर्लभ किस्मों को प्रदर्शित किया। आगंतुकों को न सिर्फ स्वाद लेने, बल्कि आमों के वैज्ञानिक और व्यवसायिक पक्ष को समझने का मौका मिला। वहीं बच्चों के लिए आम चित्रकला प्रतियोगिता, किसानों के लिए “सर्वश्रेष्ठ आम उत्पादक” जैसे कई इवेंट आयोजित किए गए। विजेताओं को नकद पुरस्कार और प्रशस्ति पत्र दिए जाएंगे।
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उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि इस महोत्सव का उद्देश्य सिर्फ प्रदर्शनी नहीं, बल्कि किसानों को उन्नत खेती तकनीक, प्रोसेसिंग और मार्केटिंग के बारे में जागरूक करना भी है। महोत्सव में आम उत्पादकों, उद्यान वैज्ञानिकों, खाद्य प्रोसेसिंग कंपनियों और व्यापारियों को एक मंच पर लाया गया है, ताकि बिहार के आमों को अंतरराष्ट्रीय बाजार में भेजने, संरक्षण और प्रोसेसिंग यूनिट्स को बढ़ावा देने की योजनाओं पर चर्चा हो सके।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आम के सभी स्टालों का निरीक्षण और जर्दालू आम का विशेष उल्लेख करते हुए कहा कि भागलपुर का जर्दालू आम पहले ही GI टैग प्राप्त कर चुका है, और अब सरकार अन्य किस्मों को भी राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पहचान दिलाने में जुटी है।