नई दिल्ली: गुजरात आतंकवाद निरोधक दस्ते (ATS) ने भारतीय वेबसाइट्स को हैक करने और सोशल मीडिया पर भारत विरोधी संदेश पोस्ट करने के मामले में दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है। हैरानी की बात यह है कि दोनों आरोपी 12वीं फेल हैं, फिर भी उन्होंने मात्र 6 से 8 महीने में हैकिंग में महारत हासिल कर ली थी। गिरफ्तार किए गए लोगों में एक नाबालिग और दूसरा गुजरात के खेड़ा जिले के नाडियाड निवासी जसीम शाहनवाज अंसारी है।
गुजरात ATS के डीआईजी सुनील जोशी ने बताया कि दोनों आरोपी टेलीग्राम पर ‘Anonsec’ नाम का चैनल चलाते थे, जहां वे अपनी हैकिंग गतिविधियों के सबूत साझा करते थे। जांच में पता चला कि आरोपियों ने पहले ‘EXPLOITXSEC’ और ‘ELITEXPOLIT’ नाम से दो टेलीग्राम चैनल बनाए थे, जिन्हें बाद में ‘Anonsec’ में बदल दिया गया। डीआईजी ने बताया कि बैकअप चैनल इसलिए बनाया गया था ताकि मुख्य चैनल के बंद होने पर भी उनकी गतिविधियां जारी रह सकें।
ऑपरेशन सिंदूर के बाद बढ़े साइबर हमले
यह गिरफ्तारी हाल ही में ऑपरेशन सिंदूर के बाद हुई, जिसके तहत ATS को भारतीय वेबसाइट्स को निशाना बनाने वाले हैकरों के बारे में कई अलर्ट मिले थे। ATS के इंस्पेक्टर ध्रुव प्रजापति की अगुवाई में गठित विशेष टीम ने दोनों संदिग्धों को पकड़ा। उनके फोन को फोरेंसिक जांच के लिए FSL (फोरेंसिक साइंस लेबोरेटरी) भेजा गया है।
पाकिस्तान से कनेक्शन की आशंका
हाल के दिनों में भारत में साइबर हमलों में तेजी आई है। महाराष्ट्र साइबर की एक रिपोर्ट के अनुसार, ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान समर्थित सात APT (एडवांस्ड पर्सिस्टेंट थ्रेट) समूहों ने 15 लाख से अधिक साइबर हमले किए, जिसमें भारतीय वेबसाइट्स को निशाना बनाया गया। हालांकि, इनमें से केवल 150 हमले सफल रहे, जो 99.99% असफलता दर को दर्शाता है। ATS इस बात की जांच कर रही है कि क्या गिरफ्तार आरोपियों ने संवेदनशील डेटा पाकिस्तान के साथ साझा किया था।
डीआईजी जोशी ने बताया कि दोनों आरोपी 12वीं फेल होने के बावजूद साइबर हैकिंग में बेहद कुशल हो गए थे। वे न केवल वेबसाइट्स हैक करते थे, बल्कि भारत के खिलाफ आपत्तिजनक संदेश भी पोस्ट करते थे। इस मामले में प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है और जांच जारी है।
गुजरात में साइबर क्राइम पर सख्ती
गुजरात में साइबर क्राइम के बढ़ते मामलों को देखते हुए राज्य सरकार ने हाल ही में iPRAGATI पोर्टल लॉन्च किया है, जिसके जरिए साइबर अपराधों की शिकायत दर्ज करना आसान हो गया है। साथ ही, राष्ट्रीय साइबर क्राइम पोर्टल (www.cybercrime.gov.in) (www.cybercrime.gov.in) पर भी लोग अपनी शिकायतें दर्ज कर सकते हैं।
यह घटना एक बार फिर साइबर सुरक्षा के प्रति जागरूकता और मजबूत सिस्टम की जरूरत को प्रदर्शित करती है, क्योंकि साइबर आतंकवाद देश के लिए एक गंभीर चुनौती बनता जा रहा है।