नयी दिल्ली: डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आजाद पार्टी (DPAP) के अध्यक्ष और जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री गुलाम नबी आजाद ने हाल ही में हुए पहलगाम आतंकी हमले को लेकर विपक्ष द्वारा विशेष सत्र बुलाए जाने की मांग पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। आजाद ने कहा कि विपक्ष को अपनी मांग रखने का पूरा अधिकार है, लेकिन इस मुद्दे पर राजनीतिक एकता दिखाने की जरूरत है।
आजाद ने बताया कि जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री ने पहले ही राज्य में एक विशेष सत्र का आयोजन किया था, जिसमें सभी दलों ने एकजुटता दिखाते हुए राज्य और केंद्र सरकार के साथ खड़े होने की बात कही। उन्होंने कहा, “यह बहुत अच्छा था कि सभी दलों ने एकता की बात की। संसद से भी इस मुद्दे पर एक प्रस्ताव पारित होना चाहिए। मुझे नहीं लगता कि संसद में कोई भी पार्टी ऐसी होगी जो इस मामले में सरकार के साथ खड़ी नहीं होगी।”
पहलगाम आतंकी हमला, जो 22 अप्रैल 2025 को अनंतनाग जिले के बाइसारन मीडोज के पास हुआ, में 26 पर्यटकों की जान चली गई थी, जिसमें दो विदेशी नागरिक भी शामिल थे। इस हमले की जिम्मेदारी द रेसिस्टेंस फ्रंट (TRF) ने ली है, जो लश्कर-ए-ताइबा का एक सहयोगी संगठन है। इस हमले ने जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा स्थिति और केंद्र सरकार की नीतियों पर फिर से सवाल खड़े कर दिए हैं, खासकर 2019 में अनुच्छेद 370 को हटाए जाने के बाद से उत्पन्न हुए तनाव के संदर्भ में।
आजाद का यह बयान ऐसे समय में आया है, जब विपक्ष सरकार पर हमले के बाद सुरक्षा व्यवस्था में चूक का आरोप लगा रहा है। साथ ही, विपक्ष ने दावा किया है कि सरकार ने पर्यटन के आंकड़ों को बढ़ा-चढ़ाकर पेश करने के लिए तीर्थयात्रियों को पर्यटकों की संख्या में शामिल किया, जिसके जवाब में TRF ने इस हमले को सरकार की आर्थिक नीतियों के खिलाफ एक प्रतिक्रिया बताया है।
इस हमले की निंदा देश और दुनिया भर में की गई है। अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस, जो उस समय भारत की यात्रा पर थे, ने भी हमले की कड़ी निंदा की और पीड़ितों के प्रति संवेदना व्यक्त की। वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी हमले की निंदा करते हुए घायलों के जल्द स्वस्थ होने की कामना की थी।
जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद से क्षेत्र में तनाव और आतंकी गतिविधियों में उतार-चढ़ाव देखा गया है। आजाद का यह बयान इस संदर्भ में महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह सभी दलों से एकजुट होकर आतंकवाद के खिलाफ लड़ने और क्षेत्र में शांति स्थापित करने की दिशा में काम करने की अपील करता है।