[Team Insider] कोरोना काल के बाद स्कूल तो खुले, लेकिन बच्चों को पढ़ाने की जगह उनसे जो काम करवाया जा रहा है। उसे देखा चौंक जाएंगे। दरअसल स्कूल खुलने पर बच्चों में पढ़ाई के प्रति उत्साह तो दिख रहा है। लेकिन स्कूल पहुंचते ही बच्चों को पढ़ाने की जगह स्कूल प्रबंधन उनसे जो काम करवा रही है। वह बेहद शर्मनाक है। मासूम स्कूली बच्चों से मध्याह्न भोजन बनाने के लिए जिले के कई स्कूलों में यह कार्य कराया जा रहा है।
मध्याह्न भोजन बनाने के लिए बच्चों से पानी ढुलवाय
ताजा मामला राजकीय कृत प्राथमिक विद्यालय मधुवन का है। जहां मध्याह्न भोजन बनाने के लिए बच्चों से पानी भरवाया जा रहा है। बड़े बड़े बर्तनों में मासूम बच्चे से दूर दर्ज से सर पर पानी ढुलवाया जा रहा है। ऐसा हाल जिले के मधुवन विद्यालय का ही नहीं है।बल्कि कई स्कूलों की समस्या बनी हुई है। जहां पेयजल व्यवस्था का खस्ताहाल होने पर कोई वैकल्पिक व्यवस्था करने की जगह मासूम बच्चों से ही पानी ढोने का कार्य कराया जाता है।इससे बच्चों की शिक्षा प्रभावित होती है।
स्कूल प्रबंधन ने बनाई है ऐसी परंपरा
स्कूल में कई तरह के फंड सरकार की ओर से दिया जाता है। जिसका प्रयोग कर पानी की समुचित व्यवस्था की जा सकती है। लेकिन शिक्षक और स्कूल प्रबंधन ने ऐसी परंपरा बना ली है कि बच्चों को पढ़ाई की जगह काम में उतार दिया जाता है।
2 वर्ष बाद खुले स्कूल
कोरोना काल में दो वर्षों से बच्चों की पढ़ाई बाधित रही है। अब जब स्कूल खुला तो बच्चों को शिक्षा देने के स्थान पर उन्हें विद्यालय के साफ-सफाई, पानी ढोने सहित अन्य कार्यों में लगाया जा रहा है। जो श्रम कानून के दायरे में भी आ रहा है। किसी भी कीमत पर बच्चों से कार्य कराना कानून अपराध है। लेकिन यह काम समाज में शिक्षा की जोत जलाने और बच्चों का भविष्य संवारने वाले शिक्षक ही कर रहे हैं। जिसका विकार बच्चों के जीवन में गलत प्रभाव डाल रहा है।
विद्यालय में पानी की व्यवस्था नहीं है: एचएम
विद्यालय की एचएम सरोजनी केरकेट्टा से जब इस बाबत सवाल किए गए तो उन्होंने बताया कि स्कूल में पानी की व्यवस्था नहीं है। रसोईया नहीं आयी थी। जिसके कारण बच्चे स्वयं पानी लाने जलपात्र लेकर चले गये थे। पानी रहेगा तब ही बच्चे मध्याह्न भोजन कर हाथ साफ कर पाएंगे। इधर बच्चों का कहना था कि उन्हें हमेशा पानी ढोने के लिए विवश किया जाता है। जिसके कारण वे मध्याह्न भोजन बनाने के लिए पानी लाने जाते हैं।
मामले की जांच कराकर दोषी पर होगी कार्रवाई: डीईओ
जिला शिक्षा पदाधिकारी सुरेंद्र पांडेय ने कहा कि उन्हें बच्चों से पानी ढुलवाने की जानकारी नहीं है। मामला उनके संज्ञान में आया है। जिसकी जांच कराकर दोषी शिक्षक पर कार्रवाई की जाएगी।