विश्व स्वास्थ्य दिवस पर पटना में ‘पहल’ संस्था द्वारा जागरूकता कार्यक्रम, डॉ. दिवाकर तेजस्वी ने नींद को बताया स्वास्थ्य का असली आधार
विश्व स्वास्थ्य दिवस के अवसर पर आज राजधानी पटना में पब्लिक अवेयरनेस फॉर हेल्थफुल एप्रोच फॉर लिविंग (पहल) संस्था द्वारा एक खास स्वास्थ्य जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। यह आयोजन पटना के एक्जीबिशन रोड स्थित डॉ. दिवाकर तेजस्वी क्लिनिक में हुआ, जिसमें बड़ी संख्या में नागरिकों ने भाग लिया।
इस वर्ष की थीम: “Healthy Beginning. Hopeful Futures”
इस वर्ष के विश्व स्वास्थ्य दिवस 2025 की थीम रही – “स्वस्थ शुरुआत, आशापूर्ण भविष्य”, और इस थीम के अनुरूप ही कार्यक्रम में शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक स्वास्थ्य के मूल स्तंभ — गुणवत्तापूर्ण नींद — पर विशेष जोर दिया गया।

डॉ. दिवाकर तेजस्वी ने दी नींद को प्राथमिकता देने की सलाह
कार्यक्रम के मुख्य वक्ता और ‘पहल’ के चिकित्सा निदेशक वरिष्ठ फिजिशियन डॉ. दिवाकर तेजस्वी ने कहा कि आज के तनावग्रस्त और भागदौड़ भरे जीवन में लोग खानपान और एक्सरसाइज पर तो ध्यान देते हैं, लेकिन नींद को अक्सर नजरअंदाज कर देते हैं। जबकि हकीकत यह है कि नींद ही सबसे पहला इलाज है। उन्होंने बताया कि उम्र के अनुसार हर व्यक्ति के लिए नींद की जरूरत अलग होती है, और अगर नींद पूरी नहीं होती तो उसका असर हमारे शरीर, दिमाग और भावनाओं पर सीधा पड़ता है।
उम्र के अनुसार नींद की ज़रूरत
उम्र समूह | नींद की आवश्यकता | लाभ |
---|---|---|
नवजात (0-3 महीने) | 14-17 घंटे | मस्तिष्क और शरीर का विकास |
शिशु (4-11 महीने) | 12-15 घंटे | सीखने और रोग प्रतिरक्षा में सहायक |
छोटे बच्चे (1-2 साल) | 11-14 घंटे | वृद्धि और व्यवहारिक विकास |
पूर्व-विद्यालयी (3-5 साल) | 10-13 घंटे | याददाश्त, ध्यान में सुधार |
स्कूल बच्चे (6-13 साल) | 9-11 घंटे | पढ़ाई और मानसिक संतुलन |
किशोर (14-17 साल) | 8-10 घंटे | हार्मोन और भावनात्मक स्वास्थ्य |
वयस्क (18-64 साल) | 7-9 घंटे | तनाव नियंत्रण, हृदय और प्रतिरक्षा |
वरिष्ठ नागरिक (65+) | 7-8 घंटे | मानसिक सजगता और दिनचर्या संतुलन |
नींद क्यों है सेहत के लिए अनमोल?
डॉ. तेजस्वी ने चेतावनी दी कि नींद की कमी गंभीर बीमारियों को न्योता दे सकती है —
- मोटापा
- डायबिटीज़
- उच्च रक्तचाप
- डिप्रेशन
- स्मृति दुर्बलता
जबकि पूर्ण नींद से न केवल शरीर ऊर्जावान रहता है, बल्कि एकाग्रता बढ़ती है, इम्यून सिस्टम मजबूत होता है और मानसिक शांति मिलती है।
स्वास्थ्य जांच और पोषण परामर्श भी हुआ आयोजित
कार्यक्रम के दौरान निःशुल्क स्वास्थ्य जांच शिविर, डायट काउंसलिंग, और जन जागरूकता सेशन का भी आयोजन किया गया। लोगों ने स्वास्थ्य से जुड़े सवाल पूछे और विशेषज्ञों से व्यक्तिगत सुझाव प्राप्त किए।