रुद्रप्रयाग (उत्तराखंड) : उत्तराखंड में केदारनाथ यात्रा के दौरान एक दर्दनाक हादसा हुआ। रविवार सुबह गुप्तकाशी से केदारनाथ जा रहा एक निजी हेलिकॉप्टर गोरिकुंड के पास दुर्घटनाग्रस्त हो गया। इस हादसे में सातों लोगों की मौत हो गई, जिनमें पायलट और छह यात्री शामिल थे। मृतकों में एक 10 वर्षीय बच्ची और दो साल की मासूम भी थी।
कैसे हुआ हादसा?
हेलिकॉप्टर (Bell 407 मॉडल), जो आर्यन एविएशन कंपनी द्वारा संचालित किया जा रहा था, सुबह लगभग 5:30 बजे गुप्तकाशी से उड़ान भरकर केदारनाथ की ओर बढ़ रहा था। लेकिन गोरिकुंड के पास, अचानक मौसम खराब हो गया। घना कोहरा और दृश्यता कम होने के चलते हेलिकॉप्टर पहाड़ी से टकराकर दुर्घटनाग्रस्त हो गया। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, टकराव के बाद हेलिकॉप्टर में तुरंत आग लग गई।
बचाव अभियान और प्रशासनिक प्रतिक्रिया
SDRF और स्थानीय प्रशासन मौके पर तुरंत पहुंचा और आग बुझाने के बाद शवों को बरामद किया गया l मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने घटना पर गहरा शोक व्यक्त किया और जांच के आदेश दिए। उन्होंने कहा: “यह एक अत्यंत दुखद दुर्घटना है। मृतकों के परिवारों को हर संभव सहायता दी जाएगी।”
कारण: क्या खराब मौसम ही जिम्मेदार है?
प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि:
- उस समय इलाके में घना कोहरा था।
- पायलट को कंट्रोल्ड फ्लाइट इन्टू टेरेन (CFIT) की स्थिति का सामना करना पड़ा।
- हेलिकॉप्टर पहाड़ी से टकराकर दुर्घटनाग्रस्त हो गया।
- DGCA और AAIB (एयरक्राफ्ट एक्सीडेंट इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो) ने जांच शुरू कर दी है।
हेलिकॉप्टर सेवाओं पर प्रभाव
केदारनाथ के लिए सभी हेलिकॉप्टर उड़ानों को 48 घंटे के लिए स्थगित कर दिया गया है। आर्यन एविएशन की सेवाएं तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दी गई हैं।भविष्य में चारधाम यात्रा के लिए हेलिकॉप्टर संचालन को लेकर नई सुरक्षा गाइडलाइन बनाई जाएगी l
महत्वपूर्ण अपील
प्रशासन ने श्रद्धालुओं से अपील की है कि वे मौसम की स्थिति देखकर ही यात्रा करें, विशेषकर हेलिकॉप्टर यात्रा से पहले मौसम और ऑपरेटर की विश्वसनीयता की जांच अवश्य करें।
एक और चेतावनी
यह हादसा उस सच्चाई को उजागर करता है कि केदारनाथ जैसे ऊंचे और चुनौतीपूर्ण क्षेत्रों में हेलिकॉप्टर यात्रा सुरक्षित नहीं मानी जा सकती यदि मौसम का पूर्वानुमान अनदेखा किया जाए।