रांची: गुरूवार को विधानसभा से निलंबित किए जाने के बाद नेता प्रतिपक्ष अमर बाउरी ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। उन्होनें कहा कि ये इमरजेंसी है। आज झारखंड विधानसभा में दिन दहाड़े माननीय स्पीकर ने लोकतंत्र की हत्या की है। उन्होनें आरोप लगाया कि बिना किसी दोष के ये कार्रवाई कांग्रेस और जेएमएम के इशारे पर की गई है। आगे कहा कि जिस तरह से स्पीकर ने अपना व्यवहार दिखाया है उससे यह साफ हो गया है कि राज्य सरकार निरंकुश हो चुकी है।
स्पीकर ने निरंकुश तरीके से सुदिव्य कुमार सोनू यानी सरकार के कहने पर विधायकों को सस्पेंड कर दिया। उनका व्यवहार ऐसा था जैसे आका का आदेश आया और उन्होंने कार्रवाई कर दी। वहीं सदन से निलंबित हुए बीजेपी विधायकों ने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की साथ ही निलंबित विधायकों के साथ पत्रकारों के सामने आए अमर बाउरी ने ‘लोकतंत्र की हत्यारी सरकार, हाय-हाय…’ के नारे लगाए।अमर बाउरी ने कहा कि उन्होंने संविधान की मर्यादा को भंग कर आज देश में पहली बार किसी विधानसभा में इस तरह से पूरे विपक्षी विधायकों को एकसाथ निलंबित किया गया है।
अब ऐसा कोई दूसरा उदाहरण नहीं देखने को मिल सकता है। वहीं हेमंत बिस्वा सरमा पर बाउरी ने कहा कि आज किस तरह से पाकुड़ के गोपीनाथपुर में असम के मुख्यमंत्री को जाने से रोका जा रहा है। गोपीनाथपुर अब झारखंड या देश का हिस्सा नहीं बचा है। लगता है वह बांग्लादेश का हिस्सा बन गया है। मौजूदा सरकार ऐसा ही दिखा रही है। तुष्टीकरण की राजनीति और युवाओं के सवाल पर ये सरकार पांच लाख रोजगार और युवाओं को बेरोजगारी भत्ता देने का वादा कर यह सरकार सत्ता में आई थी, जिन अनुबंध कर्मचारियों को स्थाई करने का भरोसा, जिसमें टीचर, कंप्यूटर ऑपरेटर समेत सारे, इसपर उनका कोई जवाब नहीं है।
यह सरकार सदन के अंदर विधायकों की आवाज दबाने का काम कर रही है। इमरजेंसी लगाने वाली कांग्रेस ने झारखंड विधानसभा में जेएमएम के साथ मिलकर आज काला अध्याय लिखा है। अमर बरउरी ने कहा कि बीजेपी के विधायकों ने कसम खाई है कि जब तक इस सरकार को उखाड़ कर फेंक नहीं देते, युवाओं को उसका न्याय नहीं दिला देते, हम पीछे नहीं हटेंगे, यहां के अनुबंध कर्मियों के लिए अगर हमें एक क्या 10 विधायक भी कुर्बान करना पड़ेगा तो हम उसके लिए तैयार हैं।