रांची: परीक्षाओं में बुर्के, हिजाब को बैन किया जाए तुष्टीकरण के रास्ते पर राज्य के पदाधिकारी भी न चले राज्य में चल रही परीक्षाओं में हर हाल में सुचिता, पारदर्शिता सुनिश्चित हो परीक्षाएं तय स्कूल ड्रेस में हीं संचालित हो समुदाय विशेष के दबाव में आकर बच्चों के भविष्य बर्बाद न करे राज्य सरकार गिरिडीह के जमुआ प्रखंड के जेपीके कॉलेज भंडारों के केंद्राधीक्षक को दुर्भावना से ग्रस्त होकर हटाना दुर्भाग्यपूर्ण। साजिशकर्ता विक्षक सज्जाद अंसारी और मो. असगर अंसारी पर अविलंब करवाई हो। साथ हीं अपने कर्तव्य का निष्ठापूर्वक निर्वहन कर रहे केंद्राधीक्षक को पुनः नियुक्त किया जाए सोमवार को भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता बिजय चौरसिया ने गिरिडीह में एक प्रेस वार्ता कर हेमंत सरकार को तुष्टीकरण से बाज आने की नसीहत दी।
कहा समुदाय विशेष को खुश रखने को लेकर घिनौना खेल न खेले हेमंत सरकार। उन्होंने गिरिडीह के एक परीक्षा केंद्र में हुए बुर्का प्रकरण को लेकर जांच रिपोर्ट के आधार पर दोषियों पर करवाई की मांग की। श्री चौरसिया ने कहा कि राज्य में संचालित परीक्षाओं पर सांप्रदायिक रंग न चढ़ाया जाए। राज्य में संचालित हो रही मैट्रिक और इण्टर की परीक्षाओं में पारदर्शिता और सुचिता बरती जाय। कहा हेमंत जी को मालूम होना चाहिए कि अरब देशों में भी परीक्षाएं स्कूल ड्रेस में हीं संचालित होती है और परीक्षार्थियों की पहचान करने में कोई कोताही नहीं बरती जाती है।
श्री चौरसिया ने कहा कि राज्य के पदाधिकारी भी किसी तुष्टीकरण के फेरे में न पड़े। किसी वर्ग व समुदाय को खुश करने के दबाव में आकर झारखंड परीक्षा संचालन अधिनियम के विरुद्ध कोई आचरण न करे अधिकारीगण। श्री चौरसिया ने कहा कि राज्य के बहुत सारे परीक्षा केंद्रों से यह सूचना आ रही है कि एक समुदाय विशेष की बच्चियां बुर्के में परीक्षा देने जा रही है। जिससे परीक्षार्थियों के सही पहचान को लेकर समस्या आ रही है और परीक्षा में कदाचार हो रहा है। बताया कि ऐसी भी खबरें आ रही है कि किसी परीक्षा केंद्राधीक्षक द्वारा जब बच्चियों से उसके चेहरे से बुर्का हटाने को कहा जाता है तो हंगामा हो रहा है। समुदाय विशेष के नाम से बनी कुछ संस्थाएं और लोग परीक्षाओं में बुर्का पहन के जाने को समर्थन दे रहे हैं।
वे लोग केंद्राधीक्षक और पदाधिकारियों पर दबाव बना रहे हैं। बताया ख़बर यह भी आ रही है कि झारखंड परीक्षा अधिनियम का पालन कर रहे कर्तव्यनिष्ठ केंद्राधीक्षकों और शिक्षकों के खिलाफ साज़िश रची जा रही है। ऐसे केंद्राधीक्षकों को परीक्षा केंद्रों से हटाया जा रहा है ताकि एक समुदाय विशेष के द्वारा बुर्के और हिजाब की आड़ में परीक्षा में कदाचार किया जा सके। श्री चौरसिया ने बताया कि ताजा मामला गिरिडीह जिला के जमुआ प्रखंड का है। यहां अवस्थित जेपीके कॉलेज भंडारों के केंद्राधीक्षक मिथलेश कुमार मिश्रा को इसलिए केंद्राधीक्षक से हटा दिया गया चूंकि वे परीक्षार्थियों का उसके एडमिट कार्ड से मिलान चाहते थे। श्री चौरसिया ने कहा कि बगैर किसी जांच के केंद्राधीक्षक को हटाना दुर्भाग्यपूर्ण है।
जबकि इस पूरे घटनाक्रम में उक्त परीक्षा केंद्र के दो विक्षक सज्जाद अंसारी और मो. असगर अंसारी के द्वारा घिनौना साज़िश रचने की बात सामने आई है। श्री चौरसिया ने बताया कि खोरीमहुआ एसडीएम के द्वारा गठित तीन सदस्यीय टीम जिसमें जमुआ बीडीओ, जमुआ बीईईओ और जमुआ पंचायतीराज पदाधिकारी ने अपने रिपोर्ट में यह कहा है कि जेपीके कॉलेज भंडारों में केंद्राधीक्षक मिथलेश कुमार मिश्रा के नेतृत्व में यहां परीक्षाएं शांतिपूर्ण ढंग से संचालित है। केंद्राधीक्षक के निर्देश पर परीक्षा देने आए सभी परीक्षार्थियों की पहचान कर हीं परीक्षा कक्षों में प्रवेश दी जा रही थी। तीन सदस्यीय रिपोर्ट में यह कहा गया है कि परीक्षा केंद्र में अपनी सेवा दे रहे दो विक्षक सज्जाद अंसारी और मो. असगर अंसारी ने साजिशन बच्चियों को बुर्का न हटाने को लेकर उकसाया बल्कि वो गलत तरीके से परीक्षा केंद्र में साथ लाए अपने मोबाइल से वीडियो बनाकर उसे वायरल भी किया।
श्री चौरसिया ने बताया कि रिपोर्ट में कहा गया है कि एडमिट कार्ड से परीक्षार्थियों के मिलान को लेकर किसी भी परीक्षार्थी या उनके अभिभावक से कोई शिकायत नहीं मिली है। श्री चौरसिया ने बताया कि खोरीमहुआ एसडीएम को समर्पित रिपोर्ट के अंत में टीम द्वारा उक्त दोनों साजिशकर्ता विक्षकों पर करवाई की भी अनुशंसा की गई है। श्री चौरसिया ने कहा कि लेकिन आश्चर्य है कि दोषि और साजिशकर्ता विक्षको पर कोई करवाई नहीं की गई बल्कि अपने कर्तव्यों का झारखंड परीक्षा अधिनियम के तहत पालन कर रहे केंद्राधीक्षक को हीं हटा दिया गया जो कि बहुत हीं दुर्भाग्यपूर्ण करवाई है। इस करवाई से ईमानदारीपूर्वक अपनी सेवा दे रहे राज्य के शिक्षकों में गलत मैसेज गया है। भारतीय जनता पार्टी राज्य सरकार से मांग करती है कि अविलंब दोषि साजिशकर्ता विक्षको पर करवाई करते हुए कर्तव्य का पालन कर रहे केंद्राधीक्षक को पुनः नियुक्त किया जाए।