बढ़ते हिजाब विवाद और बढ़ती सांप्रदायिक घटनाओं के बीच कर्नाटक मुस्लिम पॉलिटिकल फोरम ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को पत्र लिखकर राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की है। एक पत्र में फोरम ने कहा है कि कर्नाटक भारत के संविधान, लोकतंत्र, धर्मनिरपेक्षता और संप्रभुता के सिद्धांतों को बनाए रखने में विफल रहा है।
मुस्लिम समुदाय के खिलाफ भेदभाव
कर्नाटक मुस्लिम राजनीतिक मंच के राज्य सचिव सिराज अहमद जाफरी द्वारा हस्ताक्षरित पत्र में कहा गया है कि कर्नाटक में आक्रामक भगदड़, भेदभाव को नियंत्रित करने के लिए राज्य मशीनरी के विफल होने पर लोगों के पास महामहिम के दरवाजे खटखटाने के अलावा कोई अन्य विकल्प नहीं बचा है। पत्र में यह भी कहा गया है कि मुस्लिम समुदाय के खिलाफ भेदभाव, नफरत का बढ़ना सरकार की नपुंसकता और संवैधानिकता को बनाए रखने में उसकी लापरवाही को दर्शाता है। आगे इसमें कहा गया है कि सरकार की ओर से सरासर लापरवाही और आम नागरिकों विशेष रूप से कर्नाटक के मुसलमानों के लिए एक अप्रिय और भयावह माहौल पैदा करती है।
संविधान के अनुच्छेद 356 के आधार पर
पत्र में पुलिस और प्रशासन पर वर्दी में अपराधियों के रूप में काम करने, लोगों के बजाय राजनेताओं के लिए काम करने का आरोप लगाया और इसे समाज की दृढ़ता के लिए दयनीय कहा। भारत के संविधान के अनुच्छेद 356 के आधार पर महामहिम को निहित शक्ति का प्रयोग करके राष्ट्रपति शासन की मांग करने का फोरम ने पत्र के माध्यम से अनुरोध किया है।