शिमला : हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले में पुलिस ने एक सनसनीखेज मामले में 19 वर्षीय युवक को जासूसी के आरोप में गिरफ्तार किया है। आरोपी की पहचान अभिषेक भारद्वाज, पुत्र राजेंद्र सिंह, निवासी सुखाहर गांव, देहरा के रूप में हुई है। पुलिस को उसके मोबाइल फोन से संवेदनशील और आपत्तिजनक दस्तावेज मिले हैं, जो राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े होने का संदेह है। इस मामले ने क्षेत्र में सुरक्षा को लेकर चिंताएं बढ़ा दी हैं।
हिमाचल पुलिस ने बताया कि अभिषेक कई दिनों से उनके रडार पर था। खुफिया जानकारी के आधार पर पुलिस ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत उसकी गतिविधियों पर कड़ी नजर रखी हुई थी। 28 मई 2025 की सुबह, दादासीबा के उप-विभागीय पुलिस अधिकारी (एसडीपीओ) के नेतृत्व में एक विशेष टीम ने सुखाहर गांव में अभिषेक के घर पर छापा मारा। छापेमारी के बाद उसे हिरासत में लेकर देहरा पुलिस स्टेशन लाया गया, जहां पूछताछ में उसके फोन से संवेदनशील सामग्री बरामद हुई।
पुलिस के अनुसार, बरामद दस्तावेज और सामग्री भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 152 के तहत अपराध के दायरे में आते हैं, जो राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरे से संबंधित है। जांच में यह भी पता चला कि अभिषेक कॉलेज ड्रॉपआउट है और उसके सोशल मीडिया खातों, खासकर फेसबुक पर 3,000 से अधिक कनेक्शन थे, जिनमें से कई पाकिस्तान से संदिग्ध रूप से जुड़े हुए हैं। पुलिस को शक है कि उसने सोशल मीडिया के जरिए सीमा पार एजेंट्स के साथ संवेदनशील जानकारी साझा की।
हिमाचल पुलिस के महानिदेशक कार्यालय ने एक बयान में कहा, “हमने संदिग्ध को गिरफ्तार करने के लिए एक विशेष अभियान चलाया था। प्रारंभिक जांच में पाया गया कि अभिषेक राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा पैदा करने वाली गतिविधियों में शामिल था। उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी गई है।” अभिषेक को गुरुवार को स्थानीय अदालत में पेश किया गया, जहां पुलिस ने उसकी हिरासत की मांग की है ताकि मामले की गहराई से जांच की जा सके।
यह गिरफ्तारी ऐसे समय में हुई है जब भारत में राष्ट्रीय सुरक्षा को लेकर चिंताएं बढ़ रही हैं। हाल ही में ऑपरेशन सिंदूर के तहत भारतीय सेना ने पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) में जैश-ए-मोहम्मद, लश्कर-ए-तैयबा और हिजबुल मुजाहिदीन जैसे आतंकी संगठनों के नौ ठिकानों पर हमले किए थे। इस ऑपरेशन का उद्देश्य आतंकी ढांचे को ध्वस्त करना था, जो भारत के खिलाफ हमलों की साजिश रच रहे थे।
हिमाचल पुलिस ने जनता से अपील की है कि वे किसी भी संदिग्ध गतिविधि की जानकारी तुरंत नजदीकी पुलिस स्टेशन या कंट्रोल रूम को दें। पुलिस ने कहा, “आपकी सतर्कता हमारी सामूहिक सुरक्षा का सबसे बड़ा आधार है।”
इस घटना ने एक बार फिर सीमावर्ती राज्यों में सुरक्षा व्यवस्था और साइबर निगरानी को मजबूत करने की जरूरत पर जोर दिया है। जांच एजेंसियां अब यह पता लगाने में जुटी हैं कि अभिषेक के नेटवर्क में और कौन-कौन शामिल हो सकता है और उसने कितनी संवेदनशील जानकारी साझा की। इस मामले में आगे की जांच जारी है।