कीव, यूक्रेन : रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच एक चौंकाने वाले घटनाक्रम में, कीव में एक अजोव सैनिक पर निशाना साधते हुए हनीट्रैप का इस्तेमाल किया गया। यूक्रेनी सैनिक को फेक डेट पर बुलाकर उसकी हत्या करने की कोशिश की गई।
रिपोर्ट में बताया गया है कि इस ऑपरेशन में एक महिला ने यूक्रेनी सैनिक को लुभाने के लिए फर्जी प्रोफाइल का इस्तेमाल किया और उसे एक तयशुदा स्थान पर बुलाया, जहां उसकी हत्या की योजना बनाई गई थी। हालांकि, इस प्रयास में सफलता नहीं मिली, लेकिन यह घटना युद्ध के दौरान अपनाई जा रही अनोखी और खतरनाक रणनीतियों को दर्शाती है।
बताते चले कि अजोव बटालियन, जिसे अब रेजिमेंट के रूप में जाना जाता है, यूक्रेन के राष्ट्रीय गार्ड का एक हिस्सा है और इसकी स्थापना 2014 में हुई थी। इस बटालियन को उसके दूर-दराज के विचारों और विवादास्पद इतिहास के लिए जाना जाता है, जिसने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ध्यान आकर्षित किया है। लॉर्ड ऐशक्रॉफ्ट की 2024 की एक रिपोर्ट में बताया गया है कि यूक्रेनी महिलाएं रूसी सैनिकों को लुभाने और उनकी हत्या करने में शामिल हैं।
इस रणनीति को युद्ध के दौरान प्रतिरोध और सबोटाज के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है। ऐसे ऑपरेशंस न केवल सैन्य रणनीति को प्रभावित करते हैं बल्कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय की धारणाओं और युद्ध की गतिशीलता को भी आकार देते हैं। अजोव बटालियन की भागीदारी, विशेष रूप से 2022 में मारीउपोल में हुए एक घात में, इस संघर्ष की जटिलताओं को और बढ़ा देती है।
यह घटना रूस-यूक्रेन युद्ध के दौरान अपनाई जा रही असममित युद्ध रणनीतियों का एक उदाहरण है, जहां पारंपरिक युद्ध के अलावा मनोवैज्ञानिक और छद्म ऑपरेशंस भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। हनीट्रैप जैसे तरीके, हालांकि विवादास्पद, युद्ध के मैदान पर बढ़ते खतरों और रणनीतिक नवाचारों को दर्शाते हैं।
अंतरराष्ट्रीय समुदाय को इस तरह की घटनाओं पर करीब से नजर रखनी चाहिए, क्योंकि ये न केवल मानवीय पहलुओं को प्रभावित करती हैं बल्कि वैश्विक राजनीति और सुरक्षा व्यवस्था पर भी गहरा असर डालती हैं।