Bihar SIR: चुनाव आयोग ने बिहार में विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) प्रक्रिया के बाद ड्राफ्ट वोटर लिस्ट जारी कर दी है। एसआईआर प्रक्रिया में बिहार में 65 लाख से अधिक मतदाता कम हो गए हैं। इसमें कुछ कुछ की मौत हो गई है तो कुछ दूसरे राज्य में शिफ्ट हो गए है जबकि कुछ का नाम दो जगहों पर रजिस्टर पाया गया है। ड्राफ्ट लिस्ट सामने आने के बाद आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने शनिवार को दावा किया कि वोटर लिस्ट से उनका नाम कट गया है। इसके साथ-साथ तेजस्वी यादव ने यह भी आरोप लगाया कि उनका EPIC (Electors Photo Identity Card) नंबर बदल दिया गया है।

तेजस्वी यादव ने कहा, “सबसे पहली बात तो EPIC नंबर बदलता नहीं, कैसे बदला, क्या बदला। अगर मेरा बदल सकता है तो कितने लोगों का EPIC नंबर बदला होगा। यह साजिश है वोटरों के नाम काटने की। कई IAS अधिकारी भी ट्वीट कर रहे हैं कि उनके नाम कट गए। चुनाव आयोग की जिम्मेदारी है कि बूथ वाइज डेटा दे कि किसकी मृत्यु हो गई है, उनका EPIC नंबर क्या है, उनका बूथ नंबर क्या है। अगर कोई दूसरे राज्य में चला गया है तो उसकी डिटेल दे, आप इसे क्यों छिपा रहे हैं। तो सवाल ये है कि कितना बड़ा फर्जीवाड़ा हो रहा है।”
हालांकि, तेजस्वी यादव दावों की जब जांच की गई तो पता चला कि नेता प्रतिपक्ष का नाम प्रारूप मतदाता सूची में दर्ज है। तेजस्वी के दावे के बाद अब EPIC नंबर को लेकर चर्चा शुरू हो गई है। इधर, पटना के जिलाधिकारी डॉ. त्यागराजन एस.एम. ने नेता प्रतिपक्ष के वोटर लिस्ट में नाम को लेकर चल रही चर्चाओं पर विराम लगा दिया है। उन्होंने स्पष्ट किया है कि नेता प्रतिपक्ष का नाम जिस बूथ पर पहले था, आज भी उसी बूथ पर कायम है और यह जानकारी सार्वजनिक रूप से उपलब्ध है। उन्होंने जोर देकर कहा कि इस मामले में किसी तरह की कोई गड़बड़ी या भ्रम की स्थिति नहीं है।
तेजस्वी यादव का दावा झूठा है.. चुनाव आयोग, जिला प्रशासन से लेकर सत्ता पक्ष ने घेर लिया
डीएम ने बताया कि उनके पास जो EPIC नंबर (मतदाता पहचान पत्र संख्या) मौजूद है, वही EPIC नंबर नेता प्रतिपक्ष द्वारा साल 2020 के विधानसभा चुनाव में दाखिल किए गए नामांकन पत्रों में भी दिया गया था। उन्होंने बताया कि साल 2020 के चुनाव में जो नामांकन पत्र दाखिल किए गए थे, उनमें जो दस्तावेज़ संलग्न थे, उनमें यही EPIC नंबर दर्ज है, जो आज भी वोटर लिस्ट में है।
डॉ. त्यागराजन ने साफ किया कि ‘SIR'(स्पेशल समरी रिवीजन) की प्रक्रिया का उनके EPIC नंबर पर कोई असर नहीं पड़ा है। यानी, मतदाता सूची के विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण के दौरान भी उनका नाम और EPIC नंबर यथावत बना रहा। डीएम के इस बयान से यह बात स्पष्ट हो जाती है कि नेता प्रतिपक्ष का नाम और मतदाता पहचान पत्र संख्या में किसी भी तरह का कोई बदलाव नहीं हुआ है।
वहीं लोजपा रामविलास के सांसद अरुण भारती ने सवाल उठाया कि क्या तेजस्वी यादव जी के पास दो-दो वोटर ID कार्ड हैं? एक EPIC नंबर मीडिया में दिखा रहे हैं, जो फ़र्ज़ी निकला। चुनाव आयोग ने तुरंत स्पष्ट किया- उनका असली नाम वोटर लिस्ट में मौजूद है, बूथ और क्रम संख्या सहित। लेकिन मुद्दा सिर्फ EPIC नंबर का नहीं है- ये उस सोच का उदाहरण है जहाँ सीमित शिक्षा, न विज़न, न विकास की कोई योजना। सत्ता चाहिए, तो एजेंडा कुछ भी चलेगा- अब ‘वोटर लिस्ट ड्रामा’ उसी का हिस्सा है!