उज्जैन : मध्य प्रदेश के उज्जैन स्थित विश्वप्रसिद्ध महाकालेश्वर मंदिर परिसर में सोमवार सुबह भीषण आग लग गई, जिससे इलाके में अफरा-तफरी मच गई। घटना के समय मंदिर परिसर में बड़ी संख्या में श्रद्धालु मौजूद थे, जिनमें भय और भगदड़ की स्थिति उत्पन्न हो गई। हालांकि प्रशासन की तत्परता से किसी बड़े नुकसान की खबर नहीं है।
दमकल विभाग की मुस्तैदी से आग पर नियंत्रण
आग की सूचना मिलते ही दमकल विभाग की कई गाड़ियाँ घटनास्थल पर पहुँचीं और राहत व बचाव कार्य शुरू किया गया। रिपोर्ट के अनुसार, मंदिर परिसर से घना काला धुआँ निकलता देखा गया, जो दूर-दूर तक दिखाई दिया। दमकलकर्मियों ने कुछ ही घंटों में आग पर काफी हद तक काबू पा लिया।
आग का कारण अज्ञात, जांच जारी
अब तक आग लगने के पीछे के कारणों का खुलासा नहीं हो पाया है। मंदिर प्रशासन और जिला अधिकारी मामले की जांच में जुट गए हैं। प्राथमिक तौर पर शॉर्ट सर्किट की आशंका जताई जा रही है, लेकिन इसकी पुष्टि जांच के बाद ही होगी। प्रशासन ने स्थिति को नियंत्रित बताया है और किसी के हताहत होने की पुष्टि नहीं की गई है।
पहले भी हो चुकी है ऐसी घटना
महाकाल मंदिर में यह पहली अग्निकांड की घटना नहीं है। मार्च 2024 में भस्म आरती के दौरान भी मंदिर के गर्भगृह में आग लग गई थी, जिसमें 14 पुजारी घायल हुए थे। उस समय मुख्यमंत्री मोहन यादव ने विशेष जांच के आदेश दिए थे और घटनास्थल का दौरा भी किया था।
श्रद्धा का केंद्र, सुरक्षा बड़ा सवाल
महाकालेश्वर मंदिर 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है और देश-विदेश से लाखों श्रद्धालु यहाँ दर्शन के लिए आते हैं। ऐसी घटनाएं मंदिर की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े करती हैं। विशेषज्ञों और धार्मिक संगठनों ने मंदिर में अग्निशमन उपायों को और मजबूत करने की मांग की है।
प्रशासन की अपील
जिला प्रशासन ने श्रद्धालुओं और स्थानीय लोगों से संयम बरतने और अफवाहों से बचने की अपील की है। पुलिस और सुरक्षाबल घटनास्थल पर तैनात हैं और स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में है। प्रशासन ने भरोसा दिलाया है कि श्रद्धालुओं की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता है।