लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) में रविवार को बड़ा राजनीतिक भूचाल आया, जब सारण के जिलाध्यक्ष दीपक सिंह सहित 129 पदाधिकारियों ने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफ़ा दे दिया। इस्तीफ़ा देने वाले नेताओं ने जमुई सांसद अरुण भारती पर पैसों की मांग और पार्टी में तानाशाही का आरोप लगाया। इस घटनाक्रम के बाद जिले में लोजपा (रामविलास) की इकाई में भारी उथल-पुथल मच गई है, जबकि पार्टी नेतृत्व ने इस मामले में चुप्पी साध रखी है।

जिलाध्यक्ष पद से त्यागपत्र देने वाले दीपक सिंह ने कहा कि वे 21 वर्षों से पार्टी के समर्पित कार्यकर्ता रहे हैं और तन-मन-धन से संगठन की सेवा की है, लेकिन हाल के दिनों में पार्टी पर तानाशाही थोपने की कोशिश हो रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि जमुई सांसद पार्टी को “कॉरपोरेट ऑफिस” की तरह चलाना चाहते हैं और हाल ही में एक कार्यक्रम के नाम पर सात लाख रुपये की मांग की थी। इसी कारण से सारण जिले के 129 पदाधिकारियों ने सामूहिक इस्तीफ़ा दिया।
वहीं, पैसों की मांग के आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए सांसद अरुण भारती ने कहा कि यह आरोप निराधार हैं। उन्होंने चुनौती दी कि अगर किसी ने उनसे पैसों की मांग की है, तो इसका सबूत दें और पुलिस में शिकायत दर्ज कराएं। उनके अनुसार, “पुलिस जांच और न्यायालय में सच सामने आ जाएगा, मीडिया में बयान देने से कुछ साबित नहीं होगा।”






















