बिहार विधानसभा चुनाव से पहले सभी राजनीतिक दल वोट बैंक को सेट करने में लगे हुए हैं। इधर, पासी समाज को गोलबंद करने के लिए तेजस्वी यादव ने बड़ा दांव खेल दिया है। पटना के एसकेएम हॉल में आयोजित ताड़ी व्यवसायी महाजुटान कार्यक्रम को संबोधित करते हुए तेजस्वी ने बड़ा ऐलान कर दिया। तेजस्वी ने कहा कि बिहार में अगर महागठबंधन की सरकार बनी तो ताड़ी को शराबबंदी कानून से बाहर किया जाएगा और ताड़ी कारोबारियों के ऊपर चल रहे मुकदमों को वापस लिया जाएगा।

तेजस्वी ने कहा कि सरकार में रहने के दौरान लालू प्रसाद और मैंने कई बार शराबबंदी कानून से ताड़ी को बाहर करने की बात कही लेकिन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की जिद के कारण ताड़ी को लेकर सरकार फैसला नहीं ले सकी लेकिन इस बार अगर हमारी सरकार आई तो ताड़ी को शराबबंदी कानून से बाहर करेंगे। उन्होंने ताड़ी को उद्योग का दर्जा दिलाने की भी बात कही है। तेजस्वी ने कहा कि उद्योग का दर्जा मिलने से इस व्यवसाय में लगे लोगों की आर्थिक स्थिति में सुधार आएगा।
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तेजस्वी यादव ने कहा कि गरीबों के मसीहा लालू जी ने ऐतिहासिक निर्णय लेते हुए ताड़ी को टैक्स फ्री किया था जिसकी बदौलत ताड़ी व्यवसाय में वृद्धि हुई और पासी समाज में संपन्नता आई। वर्ष 2023 के सामाजिक आर्थिक जातिगत सर्वेक्षण के अनुसार बिहार के पासी समाज में भूमिहीन परिवारों की संख्या आज भी 76 % है। पासी समाज की तीन चौथाई आबादी के पास खेती के लिए जमीन नहीं होना शर्मनाक है। ये साबित करता है की सरकार का न्याय के साथ विकास का दावा खोखला है।
बिहार में अनुसूचित जातियों की आबादी 21.3 % से अधिक होने के बावजूद, सरकारी और पेशेवर क्षेत्रों में दलितों की भागीदारी महज 1.13 % पर सिमट कर रह गई है। अनुसूचित जाति की कुल आबादी का सिर्फ 0/015 % डाक्टर हैं अनुसूचित जाति की कुल आबादी का सिर्फ 0.1% इंजीनियर हैं।

हमने घोषणा की है कि सरकार बनने पर पासी समाज के एकमात्र रोजगार के साधन ताड़ी पर बिहार निषेध और उत्पाद शुल्क अधिनियम 2016 के द्वारा लगी पाबंदी को ख़त्म कर देंगे। शराबबंदी कानून के नाम पर 14 लाख 20 हज़ार से अधिक पिछड़ों, अतिपिछड़ों और दलितों को गिरफ़्तार कर NDA सरकार की ओर से शोषण किया जा रहा है जबकि प्रभावशाली लोगों को छोड़ दिया जाता है। बिहार की 20 वर्षों की NDA सरकार में दलितों पर सबसे अधिक अत्याचार व उत्पीड़न हो रहा है। लालू जी के द्वारा टैक्स फ्री किये गए पासी समाज के ताड़ी उद्योग को एक झटके में नीतीश सरकार ने गैरकानूनी घोषित कर पूरी जाति को मुजरिम बना दिया।
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यदि ताड़ी को उद्योग का दर्जा दिया जाता तो पूरा पासी समाज आर्थिक सम्पन्नता प्राप्त कर समाज की अगली पंक्ति में बैठता, परन्तु नीतीश सरकार ने इस पूरी जाति को ही अपराधी घोषित कर दिया। यह जातीय स्वाभिमान,आत्मसम्मान और गरिमा पर चोट है। हमारी सरकार बनते ही इस कानून में सुधार किया जाएगा और ताड़ी पर लगी रोक हटाई जायेगी। इसे उद्योग का दर्जा देने के लिए हमारी सरकार की तरफ से हरसंभव कोशिश की जायेगी।

कार्यक्रम में राजद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष उदय नारायण चौधरी ने तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री बनाने की अपील की। इस मौके पर कार्यक्रम में राजद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अब्दुल बारी सिद्दीकी, पूर्व सांसद भूदेव चौधरी, पूर्व विधायक प्रेमा चौधरी, सांसद संजय यादव, राजा चौधरी सहित अन्य प्रमुख नेता मौजूद थे। कार्यक्रम की शुरुआत में उदय नारायण चौधरी की कुर्सी टूटने से वो गिरते-गिरते बचे।