नई दिल्ली : भारत और चिली के बीच द्विपक्षीय संबंधों को नई ऊंचाइयों पर ले जाने के उद्देश्य से आज दिल्ली के हैदराबाद हाउस में एक उच्च-स्तरीय प्रतिनिधिमंडल वार्ता आयोजित की गई। इस बैठक में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चिली के राष्ट्रपति गेब्रियल बोरिक ने हिस्सा लिया। यह चिली के राष्ट्रपति की भारत की पहली आधिकारिक यात्रा है, जो 1 से 5 अप्रैल तक चलेगी।हैदराबाद हाउस में आयोजित इस बैठक में दोनों नेताओं ने व्यापार, जलवायु परिवर्तन, नवीकरणीय ऊर्जा, और नवाचार जैसे क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने पर चर्चा की। सूत्रों के अनुसार, दोनों देशों के बीच एक विस्तारित प्राथमिकता व्यापार समझौते (PTA) को और प्रभावी बनाने पर भी जोर दिया गया, जिसके तहत 2017 से भारत के निर्यात में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई है।
चिली के साथ भारत के संबंधों का महत्व
भारत और चिली के बीच राजनयिक संबंध 1947 से चले आ रहे हैं, और चिली दक्षिण अमेरिका का पहला देश था जिसने 1956 में भारत के साथ व्यापार समझौता किया था। दोनों देश संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) के विस्तार और सुधार, अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई, और जलवायु परिवर्तन जैसे वैश्विक मुद्दों पर समान विचार साझा करते हैं। 2016 में दोनों देशों ने अपने प्राथमिकता व्यापार समझौते को विस्तार दिया था, जिसके बाद से भारत का चिली को निर्यात बढ़ा है। वित्त वर्ष 2016 में दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार 2.6 बिलियन डॉलर तक पहुंच गया था, जिसमें भारत का निर्यात 0.68 बिलियन डॉलर और आयात 1.96 बिलियन डॉलर रहा।
राष्ट्रपति बोरिक की भारत यात्रा का कार्यक्रम
राष्ट्रपति गेब्रियल बोरिक 1 से 5 अप्रैल तक भारत में रहेंगे। उनकी यात्रा की शुरुआत दिल्ली में पीएम मोदी के साथ इस बैठक से हुई, जिसके बाद पीएम मोदी ने उनके सम्मान में एक दोपहर के भोज का आयोजन भी किया। इस दौरान दोनों नेताओं ने क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय मामलों पर भी विचार-विमर्श किया। अपनी यात्रा के दौरान बोरिक आगरा, मुंबई और बेंगलुरु का भी दौरा करेंगे। इसके अलावा, वे राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से भी मुलाकात करेंगे।
दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक और आर्थिक संबंध
चिली में भारतीय समुदाय की संख्या लगभग 1000 से अधिक है, जो मुख्य रूप से सैंटियागो, इक्विक, वीना डेल मार और पुंटा एरेनास में रहते हैं। यह समुदाय छोटे व्यवसायों और व्यापार में सक्रिय है और धीरे-धीरे स्थानीय समाज में एकीकृत हो रहा है। हर साल औसतन 1000 चिलीवासी भारत की यात्रा करते हैं, जिनमें से अधिकांश पर्यटन के लिए आते हैं।इस बैठक को दोनों देशों के बीच संबंधों को और मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह यात्रा भारत और लैटिन अमेरिका के बीच सहयोग को बढ़ाने में एक मील का पत्थर साबित हो सकती है।