प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सोमवार को ‘परीक्षा पे चर्चा’ के आठवें संस्करण में दसवीं और बारहवीं के छात्रों से बोर्ड परीक्षाओं को लेकर संवाद कर रहे थे। इसी दौरान बिहार के गया जिले के 11वीं कक्षा के छात्र विराज कुमार ने एक दिलचस्प सवाल पूछा। विराज ने पीएम मोदी से पूछा, “आप इतने बड़े ग्लोबल लीडर हैं। आपने कई महत्वपूर्ण पदों पर काम किया है। लीडरशिप के 2-3 जरूरी गुण बताइए, जो हमें आगे बढ़ने में मदद कर सकें?”
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‘बिहार का लड़का और राजनीति से जुड़ा सवाल ना पूछे, ऐसा हो ही नहीं सकता’
प्रधानमंत्री मोदी ने सवाल सुनकर हंसते हुए कहा कि “बिहार का लड़का हो और राजनीति से जुड़ा सवाल ना पूछे, ऐसा हो ही नहीं सकता। बिहार के लोग बहुत तेजस्वी होते हैं।” इसके बाद उन्होंने छात्रों को लीडरशिप के मूल मंत्र समझाए।
लीडरशिप का मतलब सभी को साथ लेकर चलना
पीएम मोदी ने बताया कि लीडरशिप केवल कुर्ता-पायजामा पहनने या मंच से भाषण देने तक सीमित नहीं है। उन्होंने कहा कि “सच्चा लीडर वह होता है, जो खुद को उदाहरण बनाकर लोगों को प्रेरित करे।” उन्होंने कक्षा मॉनिटर का उदाहरण देते हुए कहा कि अगर एक मॉनिटर यह कहे कि ‘पहले आप समय पर आइए, फिर मैं आऊंगा’, तो इससे काम नहीं चलेगा। उसे खुद वक्त पर आना होगा, होमवर्क करना होगा और दूसरों की मदद करनी होगी।
लीडर के लिए टीम वर्क जरूरी
प्रधानमंत्री ने कहा कि “एक लीडर को अपनी टीम के साथ मिलकर काम करना चाहिए। अगर किसी को कोई काम सौंपा गया है, तो उसकी कठिनाइयों को भी समझना जरूरी है।” उन्होंने छात्रों को ‘जहां कम, वहां हम’ का सिद्धांत अपनाने की सलाह दी। उन्होंने समझाया कि जब लीडर अपनी टीम के सदस्यों की मुश्किलों को समझकर समाधान निकालता है, तभी उसे लोगों का विश्वास और समर्थन मिलता है।
‘विश्वास ही लीडरशिप की सबसे बड़ी ताकत’
छात्रों को लीडरशिप का महत्व समझाने के लिए प्रधानमंत्री मोदी ने एक दिलचस्प किस्सा सुनाया। उन्होंने कहा कि “बच्चे मेले में गए थे। पिता ने कहा- बेटा, तुम मेरा हाथ पकड़ लो। लेकिन बच्चे ने जवाब दिया- नहीं पिताजी, आप मेरा हाथ पकड़िए!” पीएम मोदी ने बताया कि यह सुनकर किसी को भी अजीब लग सकता है, लेकिन बच्चे ने विश्वास का संदेश दिया था। उसने समझाया कि अगर मैं पिताजी का हाथ पकड़ूंगा, तो कभी भी छूट सकता है। लेकिन अगर पिताजी मेरा हाथ पकड़ेंगे, तो कभी नहीं छूटेगा। इस कहानी से उन्होंने छात्रों को यह संदेश दिया कि, “लीडरशिप की सबसे बड़ी ताकत विश्वास होती है। जब लोग लीडर पर भरोसा करते हैं, तब वे पूरी निष्ठा से उसका साथ देते हैं।”
छात्रों के लिए लीडरशिप मंत्र
पीएम मोदी ने इस चर्चा के दौरान लीडरशिप के तीन मूल मंत्र दिए—
- स्वयं अनुशासन में रहें, दूसरों के लिए उदाहरण बनें।
- टीम वर्क को महत्व दें और सभी की कठिनाइयों को समझें।
- लोगों का विश्वास जीतें, क्योंकि विश्वास ही सबसे बड़ी ताकत होती है।