सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को आवारा कुत्तों से जुड़े एक मामले की सुनवाई में बिहार के मुख्य सचिव को पेशी से छूट देने से इनकार कर दिया। मुख्य सचिव की ओर से यह अपील राज्य विधानसभा चुनावों के मद्देनजर राहत के लिए की गई थी। न्यायमूर्ति विक्रम नाथ और संदीप मेहता की पीठ ने मुख्य सचिव को तीन नवंबर को सुनवाई में पेश होने का निर्देश दिया। पीठ ने राहत की मांग को खारिज करते हुए कहा कि राज्य में चुनाव आयोग सब व्यवस्था संभाल लेगा और मुख्य सचिव को चिंता करने की आवश्यकता नहीं है। पीठ ने स्पष्ट किया कि मुख्य सचिव को राज्य के चुनाव में कुछ नहीं करना होता है। वकील द्वारा उनकी जगह किसी अन्य सचिव स्तरीय अधिकारी को पेश होने की अनुमति मांगने पर सुप्रीम कोर्ट ने इसे भी खारिज करते हुए कहा कि अन्य सचिवों को अपना काम करने दें।
गौरतलब है कि बिहार में छह और 11 नवंबर को दो चरणों में विधानसभा चुनाव होने हैं। सुप्रीम कोर्ट ने हलफनामा दायर न करने वाले राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों को आवारा कुत्तों की देशव्यापी समस्या पर तलब किया है। हलफनामा दायर करने वाले राज्यों जैसे बंगाल, तेलंगाना और दिल्ली को पेशी से राहत दी गई है। 27 अक्टूबर को सुनवाई के दौरान कोर्ट ने हलफनामा दायर न करने पर नाराजगी भी जताई थी।
सुप्रीम कोर्ट ने मीडिया रिपोर्ट के आधार पर 28 जुलाई को इस मामले पर स्वत: संज्ञान लिया था। पीठ ने नगर निगम के अधिकारियों को पशु जन्म नियंत्रण (एबीसी) नियमों के तहत उपलब्ध कुत्ता बाड़े, पशु चिकित्सकों, कुत्ते पकड़ने वाले कर्मियों और विशेष रूप से संशोधित वाहनों और पिंजरों जैसे संसाधनों के पूर्ण आंकड़ों को लेकर हलफनामा दायर करने का भी निर्देश दिया था। कोर्ट ने पिछली सुनवाई में यह टिप्पणी भी की थी कि आवारा कुत्तों की वजह से विदेश में भारत का सिर शर्म से झुकता है।






















