बिहार की राजनीति में इस बार सियासी संग्राम का केंद्र बना है मुसहर-भुइयां महारैली, जहां नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने खुद को मुख्यमंत्री पद का प्रबल दावेदार बताते हुए कई बड़े वादे किए। लेकिन इसके तुरंत बाद ही केंद्रीय मंत्री और हम पार्टी के संरक्षक जीतनराम मांझी ने तेजस्वी को खुली चुनौती दे डाली।
तेजस्वी यादव ने अपनी रैली में मुसहर और भुइयां समुदाय को लुभाने के लिए बड़े ऐलान किए। उन्होंने कहा कि “अगर मैं मुख्यमंत्री बना तो झुग्गी-झोपड़ी वालों पर लाठी-डंडा नहीं चलेगा, कच्चे मकान टूटेंगे नहीं, बल्कि सरकार उन्हें पक्के मकान बनाकर देगी।” इसके अलावा उन्होंने महिलाओं को हर माह 2500 रुपये, वृद्धा-दिव्यांग पेंशन में बढ़ोतरी और 200 यूनिट तक मुफ्त बिजली देने का वादा किया।

मांझी ने उठाए सवाल – क्या राजद अध्यक्ष मुसहर होंगे?
तेजस्वी के इन वादों से जीतनराम मांझी खासे नाराज नजर आए। उन्होंने तेजस्वी पर तीखा हमला बोलते हुए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट किया:
“सुना है ‘मुसहर सम्मेलन’ के बाद तेजस्वी यादव जी राजद का राष्ट्रीय अध्यक्ष किसी मुसहर जाति के नेता को बना देंगे। क्या वह यह भी घोषणा करेंगे कि उनके कार्यकर्ता मुसहरों की जमीन पर किए गए कब्जे को छोड़ देंगे?”
मांझी का यह बयान सीधे-सीधे तेजस्वी यादव की कथनी और करनी पर सवाल उठाता है। उन्होंने राजद शासनकाल में दलितों पर हुए अत्याचारों को याद दिलाते हुए कहा कि “अगर तेजस्वी यादव सच में मुसहर समाज के हितैषी हैं, तो पहले राजद के भीतर ही उन्हें नेतृत्व सौंपें।”