नयी दिल्ली : भारत के सशस्त्र बलों द्वारा हाल ही में आतंकवादी शिविरों पर की गई सटीक कार्रवाई ‘ऑपरेशन सिंदूर’ और पहलगाम आतंकी हमले को लेकर विपक्षी दलों के गठबंधन INDIA ब्लॉक ने आज मंगलवार को नई दिल्ली में एक महत्वपूर्ण बैठक की। इस बैठक में 16 विपक्षी दलों ने हिस्सा लिया और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को संयुक्त रूप से एक पत्र लिखकर संसद का विशेष सत्र बुलाने की मांग की है।
पहलगाम हमले के बाद विपक्ष का समर्थन, अब विशेष सत्र की मांग पहलगाम में 22 अप्रैल 2025 को हुए आतंकी हमले में 26 नागरिक मारे गए थे, जिसमें ज्यादातर हिंदू पर्यटक थे। इस हमले के बाद कांग्रेस सहित सभी विपक्षी दलों ने सरकार को जवाबी कार्रवाई के लिए अपना पूरा समर्थन दिया था। इसके बाद भारतीय सशस्त्र बलों ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत आतंकवादी ठिकानों पर सफल कार्रवाई की। अब विपक्ष ने मांग की है कि इस ऑपरेशन और आतंकवाद से निपटने की रणनीति पर चर्चा के लिए संसद का विशेष सत्र बुलाया जाए।
विपक्षी नेताओं ने कहा कि विशेष सत्र के माध्यम से वे भारतीय सेना का सम्मान करना चाहते हैं और सरकार से इस पूरे मामले पर अपनी स्थिति स्पष्ट करने की अपेक्षा रखते हैं। विपक्ष ने ऑपरेशन सिंदूर, अमेरिका द्वारा घोषित सीजफायर, पाकिस्तान को वैश्विक स्तर पर अलग-थलग करने और आतंकवाद को जड़ से खत्म करने जैसे मुद्दों पर सरकार से रणनीतिक चर्चा की मांग की है। उनका कहना है कि जब सरकार अंतरराष्ट्रीय मंचों पर अपनी बात रख रही है, तो देश की संसद में भी इन मुद्दों पर खुलकर चर्चा होनी चाहिए, क्योंकि संसद 140 करोड़ भारतीयों की भावनाओं का प्रतिनिधित्व करती है।
संसद में हो चर्चा, देश को मिले जवाब कांग्रेस नेता दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा, “16 राजनीतिक दलों ने पीएम मोदी से मांग की है कि संसद का विशेष सत्र बुलाया जाए ताकि हम अपनी सेनाओं का धन्यवाद दे सकें और सरकार इस मामले पर अपनी स्थिति स्पष्ट करे।” वहीं, समाजवादी पार्टी के सांसद रामगोपाल यादव ने कहा, “पूरी दुनिया को ऑपरेशन सिंदूर के बारे में जानकारी दी जा रही है, लेकिन संसद को अभी तक इसकी जानकारी नहीं दी गई।”
शिवसेना (उद्धव) के सांसद संजय राउत ने तंज कसते हुए कहा, “अगर अमेरिका के कहने पर पीएम मोदी युद्ध रोक सकते हैं, तो विपक्ष के कहने पर संसद का विशेष सत्र क्यों नहीं बुला सकते? क्या हमें इसके लिए ट्रंप से कहना पड़ेगा?”
इस बैठक में कांग्रेस, समाजवादी पार्टी, तृणमूल कांग्रेस (TMC), शिवसेना (उद्धव ठाकरे), राष्ट्रीय जनता दल (RJD), नेशनल कॉन्फ्रेंस (NC), CPI(M), IUML, CPI, रिवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी, JMM, केरल कांग्रेस, मरुमलार्ची द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (MDMK) और CPI(ML) सहित अन्य दलों ने हिस्सा लिया।
पहलगाम आतंकी हमले में पांच आतंकवादियों ने हिंदू पर्यटकों को निशाना बनाया था। इस हमले में कानपुर के शुभम द्विवेदी और हरियाणा के भारतीय नौसेना के लेफ्टिनेंट विनय नरवाल जैसे नवविवाहित जोड़े भी शिकार बने। हमले के बाद जम्मू-कश्मीर पुलिस ने आतंकवादियों की पहचान और गिरफ्तारी के लिए 20 लाख रुपये के इनाम की घोषणा की थी।
विपक्ष की इस मांग पर सरकार की ओर से अभी कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है। हालांकि, यह मांग राष्ट्रीय सुरक्षा और आतंकवाद के खिलाफ भारत की नीति पर व्यापक चर्चा की जरूरत को रेखांकित करती है। विशेष सत्र बुलाने का फैसला सरकार के अगले कदम पर निर्भर करता है।