इंडिया गठबंधन के नेताओं ने आज दिल्ली में चुनाव आयोग से मुलाक़ात की। इंडी गठबंधन का प्रतिनिधिमंडल बिहार वोटर लिस्ट और अन्य मसलों को लेकर चुनाव आयोग से मिला। कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने चुनाव आयोग से मिलने के बाद कहा कि हमारे 11 दलों के प्रतिनिधिमंडल ने चुनाव आयोग से 3 घंटे मुलाकात की। हमारे साथ 11 दलों के 20 लोग गए थे। पहली बार हमें अंदर जाने के लिए कुछ नियम बताए गए कि सिर्फ पार्टियों के अध्यक्ष ही अंदर जा सकते हैं, ऐसा पहले कभी नहीं हुआ।
पहला मुद्दा जो हमने उठाया वह ये था कि 2003 से अब तक 22 साल हो गए, बिहार में 4-5 चुनाव हो चुके हैं, क्या वे सारे चुनाव गलत थे, क्या वे नियमों के मुताबिक नहीं थे? दूसरा, अगर आपको स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन करना ही था तो आपने अचानक जून के आखिर में इसकी घोषणा क्यों की? जब आपने 2003 में यह किया था तो 1 साल बाद लोकसभा चुनाव और 2 साल बाद विधानसभा चुनाव थे, लेकिन इस बार आपके पास विधानसभा चुनाव के लिए 1-1.5 महीने का समय है, जो इतने बड़े काम के लिए सही नहीं है। ये लेवल प्लेइंग फील्ड का उल्लंघन है। इन सब पर विचार करना जरूरी है।
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आरजेडी सांसद मनोज झा ने कहा कि हम सबने बिहार की चिंता उनके सामने रखी है। मैंने आरजेडी नेता तेजस्वी यादव का पत्र उन्हें सौंपा है। ये लोगों को बेदखल करने की साजिश है। अगर किसी भी कवायद का उद्देश्य समावेशन के बजाय बहिष्करण है, तो हम क्या कह सकते हैं। जब हमने पूछा कि जो कवायद (विशेष गहन पुनरीक्षण) 22 सालों में नहीं हुई, वो अब क्यों हो रही है, तो उनके पास कोई जवाब नहीं था? पात्रता साबित करने के लिए जो दस्तावेज जरूरी हैं, वो ज्यादातर लोगों के पास नहीं हैं।
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CPI सांसद डी. राजा ने कहा कि हम बिहार चुनाव कराने में आने वाली समस्याओं पर चर्चा करने के लिए वहां गए थे, क्योंकि चुनाव आयोग द्वारा एक स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन(S.I.R) शुरू किया गया है। हमने चुनाव आयोग से S.I.R को स्थगित करने का अनुरोध किया क्योंकि बिहार में बाढ़, भारी बारिश की आशंका है। ऐसे में कम समय में ऐसा नहीं किया जा सकता है, इसलिए S.I.R को स्थगित किया जाना चाहिए… लेकिन चुनाव आयोग हमारे अनुरोधों से सहमत नहीं नज़र आया।

कांग्रेस सांसद अखिलेश प्रसाद सिंह ने कहा कि 2003 में जो विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) किया गया था, वह लोकसभा चुनाव से एक साल पहले और विधानसभा चुनाव से दो साल पहले किया गया था। वे मतदाताओं को उनके वोट के अधिकार से वंचित करना चाहते हैं। इससे लोकतंत्र कमजोर होगा।
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चुनाव आयोग से मुलाकात के बाद बिहार कांग्रेस अध्यक्ष राजेश कुमार ने कहा कि चुनाव आयोग ने तुगलकी फरमान जारी किया है। लाखों, करोड़ों वोटर्स पर खतरा है। चुनाव आयोग ने हमारी बात भी सही से नहीं सुनी। बिहार के वोटर्स के अधिकार छीने गए हैं। बिहार के काफी लोग बाहर रहते हैं, वो वोटर्स कैसे बनेगा? प्राकृतिक आपदा से पीड़ित लोग कैसे डॉक्यूमेंट देंगे?