नई दिल्ली : आज भारत-ऑस्ट्रेलिया के बीच द्विपक्षीय संबंधों में एक और महत्वपूर्ण कदम बढ़ाया गया, जब विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने दक्षिण ऑस्ट्रेलिया की गवर्नर फ्रांसिस एडमसन से मुलाकात की। इस बैठक में शिक्षा, अंतरिक्ष, जल, कृषि, ऊर्जा और वाणिज्यिक मुद्दों पर गहन चर्चा हुई। यह मुलाकात उस 2020 के द्विपक्षीय समझौते की दिशा में एक कदम है, जिसने दोनों देशों के बीच व्यापार को 60% बढ़ाकर 27 बिलियन डॉलर तक पहुंचा दिया है। यह परंपरागत रक्षा-केंद्रित कूटनीति से हटकर आर्थिक और तकनीकी सहयोग की नई शुरुआत को दर्शाता है।
इसी बीच, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक कार्यक्रम में 1925 में महात्मा गांधी और श्री नारायण गुरु के बीच हुए ऐतिहासिक संवाद की शताब्दी मनाई। यह संवाद, जिसमें जाति और दर्शन पर गहन विचार-विमर्श हुआ, आज भी प्रासंगिक है। श्री नारायण गुरु, जो अद्वैत दर्शन के प्रबल समर्थक थे, ने गांधी को सामाजिक समानता और अछूतता जैसे मुद्दों पर प्रभावित किया, जैसा कि एमके सानु की जीवनी में उल्लेख है। यह मुलाकात भारत के सामाजिक सुधार आंदोलन की एक अनछुई कहानी को उजागर करती है
प्रधानमंत्री ने “मेक इन इंडिया” हथियारों की वैश्विक पहचान पर जोर देते हुए कहा कि ये हथियार जल्द ही दुनिया भर में अपनी जगह बनाएंगे। आत्मनिर्भर भारत नीति के तहत रक्षा निर्यात में 2014 के बाद 30 गुना वृद्धि हुई है, जो अब 21,000 करोड़ रुपये तक पहुंच गया है। हाल ही में ब्रह्मोस मिसाइल के फिलीपींस को निर्यात ने भारत की रक्षा विनिर्माण क्षमता को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया है, जो वैश्विक मंच पर भारत की साख को मजबूत करता है।
यह घटनाक्रम भारत की बढ़ती वैश्विक साख और आर्थिक-रणनीतिक साझेदारी को दर्शाता है, जो आने वाले समय में और मजबूत होने की उम्मीद है।