नई दिल्ली : इजरायली डिफेंस फोर्स (IDF) ने आज एक विवादास्पद घटना के बाद माफी मांगी है, जिसमें उसने सोशल मीडिया पर एक नक्शा पोस्ट किया था, जो ईरान की मिसाइल रेंज को दर्शाता था। इस नक्शे में गंभीर गलतियां पाई गईं, जिसमें जम्मू-कश्मीर को पाकिस्तान का हिस्सा और भारत के उत्तर-पूर्वी क्षेत्र को नेपाल के रूप में दिखाया गया। यह गलती भारत में व्यापक नाराजगी का कारण बनी, क्योंकि भारत अपने क्षेत्रीय दावों को लेकर अत्यंत संवेदनशील है, खासकर 1947 से पाकिस्तान के साथ कश्मीर विवाद को लेकर।
IDF ने शुक्रवार को यह नक्शा पोस्ट किया था, जिसमें ईरान की मिसाइलों की रेंज को 2,000 किलोमीटर से अधिक दर्शाया गया था, जो 2023 की स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट (SIPRI) रिपोर्ट से मेल खाता है। नक्शे का उद्देश्य ईरान को “वैश्विक खतरा” बताना और इस्राइल पर उसके हमलों को केवल शुरुआत के रूप में पेश करना था, जो हाल के इस्राइल-ईरान सैन्य टकराव के बीच हुआ। हालांकि, नक्शे में भारत की संप्रभुता को नजरअंदाज करने वाली त्रुटियों ने विवाद को जन्म दिया।
सोशल मीडिया पर भारतीय उपयोगकर्ताओं ने इस गलती पर सवाल उठाए, जिसमें कई लोगों ने जोर देकर कहा कि जम्मू-कश्मीर, लद्दाख, सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश भारत के अभिन्न अंग हैं। एक उपयोगकर्ता ने कम्युनिटी नोट्स में लिखा, “यह प्रतिनिधित्व भारत के पूरे नक्शे को गलत दर्शाता है।” इस दबाव के बाद IDF ने सफाई दी और कहा, “यह पोस्ट क्षेत्र का एक चित्रण है। यह नक्शा सीमाओं को सटीक रूप से दर्शाने के लिए नहीं है। हम इस छवि से किसी भी अपमान के लिए माफी मांगते हैं।”
विश्लेषकों का कहना है कि यह घटना डिजिटल कूटनीति में नई चुनौतियों को उजागर करती है। जर्नल ऑफ कंफ्लिक्ट रिजॉल्यूशन की 2021 की एक रिपोर्ट के अनुसार, ऑनलाइन नक्शे विवादों के 68% मामले सार्वजनिक तनाव को बढ़ाते हैं, खासकर संघर्ष क्षेत्रों में। इस संदर्भ में, सटीक कार्टोग्राफिक प्रतिनिधित्व की आवश्यकता और भी महत्वपूर्ण हो जाती है।
यह घटना इस्राइल और ईरान के बीच बढ़ते तनाव के बीच हुई है, जहां हाल के हफ्तों में दोनों देशों ने एक-दूसरे पर मिसाइल हमले किए हैं। न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, शुक्रवार को इस्राइल के हमलों में तेहरान में एक 14 मंजिला इमारत गिरी, जिसमें 60 लोगों की मौत हुई, जिसमें 20 बच्चे शामिल थे। इसके जवाब में ईरान ने भी जवाबी कार्रवाई की, जिससे मध्य पूर्व में स्थिति और तनावपूर्ण हो गई है।
IDF की माफी ने मामले को शांत करने की कोशिश की है, लेकिन यह घटना भारत की क्षेत्रीय संप्रभुता को लेकर सतर्कता और डिजिटल युग में सूचना साझाकरण की जटिलताओं को रेखांकित करती है। विशेषज्ञों का मानना है कि भविष्य में ऐसी गलतियों से बचने के लिए अंतरराष्ट्रीय संगठनों को सख्त दिशानिर्देश जारी करने चाहिए।